कोरबा में 2.70 क्विंटल गांजा बरामद, सब्जी की बोरी में कर रहे थे तस्करी, दो गिरफ्तार

कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा में पुलिस ने 2 क्विंटल 70 किलो मादक पदार्थ गांजा की खेप बरामद की है। इस मामले में दो आरोपियों आशीष जाटवर और योगेश चंद्रा को गिरफ्तार किया गया है। ये दोनों जांजगीर चांपा जिले के जैजैपुर के निवासी बताए गए हैं। दोनों ढेगुरनाला के पास सब्जी की बोरी में गांजा लेकर आए थे और इसे खपाने का प्रयास कर रहे थे। एसपी अभिषेक मीणा ने बताया कि कोरबा जिले में पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में गांजा बरामद किया गया है। आरोपियों के कब्जे से एक वाहन जब्त किया गया है।
उड़ीसा के गंजाम और क्योंझर सहित आसपास के कुछ जिलों से गांजा की खेप विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचाने के मामले काफी समय से प्रकाश में आते रहे हैं। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ में पुलिस के द्वारा इंटर स्टेट बॉर्डर पर ऐसे तस्करों को धर-पकड़ की गई है। इसके साथ ही और भी क्षेत्रों में गांजा तस्करों को दबोचने का काम पुलिस के द्वारा किया जाता रहा है। इसी कड़ी में कोरबा पुलिस को अहम सूचनाएं प्राप्त हुई थी, जिनमें पता चला था कि लंगूर नाला क्षेत्र में सब्जी व्यवसाय की आड़ में गंजे की तस्करी करने की कोशिश की जा रही है।
कोतवाली टीआई लखन पटेल और रामपुर चौकी प्रभारी मयंक मिश्रा के साथ एक टीम को इस काम में शामिल किया गया। जानकारी जुटाने के साथ इस दिशा में काम शुरू किया गया। एडिशनल एसपी कीर्तन राठौर ने मीडिया को बताया कि सर्चिंग के दौरान जांजगीर-चांपा जिले के दो युवक एक ही स्थान पर मिले इसके साथ ही एक पिकअप वाहन में गांजा के बरामद की गई। कार्रवाई के दौरान 270 किलो गांजा आरोपियों से मिला है, जिसकी कीमत लगभग ₹27 लाख आंकी गई है।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों के द्वारा दूसरे क्षेत्र से गांजा लाने के साथ उसे जांजगीर-चांपा जिले में डंप किया गया था और उसके बाद से उसे कोरबा लाया गया, यहां से अन्य क्षेत्रों में इसे डिस्ट्रीब्यूट करने की योजना थी। उड़ीसा के तस्करों से जुड़ी चैन को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। आरोपियों के नेटवर्क के बारे में जानकारी भी जुटाने का काम जारी है, जो सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं। उसके अनुसार मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में गांजा की खेत पहुंचाने का प्रयास होता रहा है।
याद रहे गौरतलब है कि कुछ साल पहले ग्रामीण क्षेत्र में एक चार पहिया वाहन जली हुई स्थिति में पाई गई थी। इस बारे में पुलिस ने प्रकरण पंजीबद्ध किया और आगे की जांच पड़ताल जारी रखी, लेकिन किसी तरह के नतीजे सामने नहीं आ सके। उस समय माना जा रहा था कि यह मामला गांजा तस्करी से जुड़ा हो सकता है और आरोपियों ने बचने के इरादे से वाहन को आग के हवाले कर दिया होगा। अब जबकि गांजा के मामले में बड़ी मात्रा बरामद हुई है, तब एक बार फिर पुराने मामलों की याद ताजा हो रही है। यहां बताना जरूरी होगा कि छत्तीसगढ़ से उड़ीसा की सीमा काफी नजदीक है और वहां से काफी मात्रा में गांजा की तस्करी लंबे समय से जारी है। यह काम आखिर कैसे रोके इसके लिए प्रभावी योजना बनाने की जरूरत है।
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