नई शिक्षा नीति के 3 साल : यह पीएम कौशल विकास मिशन से शिक्षा को जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम-जे प्रसाद

राजा शर्मा-डोंगरगढ़। भारत सरकार की शिक्षा नीति प्रणाली में एक नई पहल वर्ष 2020 को की गई। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह सोच हैं कि, शिक्षा पूरी होने के उपरान्त अगर बच्चा नौकरी प्राप्त नही कर सका तो कम से कम वह बच्चा इस योजना के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त कर वह स्वरोजगार से आत्म निर्भर बन सकता हैं। इस योजना का नाम नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020रखा गया था। आज इस योजना को पूरे तीन वर्ष हो गए जिसकी वर्षगांठ मनाते हुए योजना के बारे में केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल जे. प्रसाद ने आज मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि, केन्द्र सरकार बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को देखते हुए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के नाम से एक अच्छी पहल की। वर्ष 2020 में केन्द्र सरकार द्वारा संचालित एवं अन्य स्कूलों के माध्यम से इसे चलाया गया। वहीं इस योजना में छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बड़े बच्चों तक को शामिल किया जिसमें बच्चों की पढ़ाई के साथ प्रधानमंत्री कौशल विकास मिशन को जोड़कर बच्चो को आत्म निर्भर बनाने का काम भारत सरकार कर रही है।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में छत्तीसगढ़ के 17 विद्यालय
केन्द्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल जे. प्रसाद ने बताया कि, देश में 37 केंद्रीय विद्यालय है। जिसमें से छत्तीसगढ़ में 17 केंद्रीय विद्यालय का चयन नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 योजना को संचालित करने हुआ है, जिसमे डोंगरगढ़ भी शामिल है। जहां पर बाल वाटिका शुरू हो चुकी है 5+3+3+4 इसका मतलब बाल वाटिका एक,दो, तीन , क्लास वन, क्लास टू वहीं प्लस 3 में क्लास थर्ड, फोर्थ, फाइव के क्रम में संचालित किया जा रहा है। आज नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की तीसरी वर्षगांठ मनाई जा रही है। शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान में एक नई शिक्षा नीति के तहत कार्य किया जा रहा है। 21 वीं सदी में भारत की पहचान विश्व पटल पर अलग बनाने के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रारंभ किया गया है।
होगा बच्चों और शिक्षकों की गुणवत्ता में बदलाव
कक्षा 9 वीं से कम्प्यूटर साइंस में बैंकिंग पॉलिसी इंटरनेट के माध्यम से सिखाया जा रहा है। 3 साल का बच्चा भी अब स्कूल जा सकता है, और पांच साल की उम्र तक क्लास 2 तक पहुंच सकता है। शिक्षकों को भी नई तरह की शिक्षा नीति सिखाई जा रही है, इनको प्रशिक्षण के माध्यम से ट्रेन किया जा रहा है. जिससे शिक्षक बच्चों को पढ़ा सके। पहले त्रेमासिक और अर्धवार्षिक परीक्षा होती थी लेकिन अब 1 st और 2nd सेमेस्टर होगी इससे प्राप्त अंको में 5 अंक फाईनल परीक्षा में जोड़े जायेंगे। इस प्रकार बच्चो का भविष्य उज्ज्वल होगा। इस कार्यक्रम में जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रिंसिपल व शासकीय नेहरू कॉलेज के प्रिंसिपल रेलवे के उच्च अधिकारी व बच्चो को भी शामिल किया गया।
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