ब्लैक फंगस के इलाज में उपयोगी 300 इंजेक्शन की खेप मिली

ब्लैक फंगस के इलाज में उपयोगी 300 इंजेक्शन की खेप मिली
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छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस की रोकथाम के लिए आवश्यक दवाएं पोसाकोनाजोल एवं एंफोटेरसिन-बी लगभग 300 वाॅयल रविवार को कई अस्पतालों में उपलब्ध कराए गए। इन दवाओं को रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग जिले में अस्पतालों के माध्यम से दिया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) की रोकथाम के लिए आवश्यक दवाएं पोसाकोनाजोल एवं एंफोटेरसिन-बी लगभग 300 वाॅयल रविवार को कई अस्पतालों में उपलब्ध कराए गए। इन दवाओं को रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग जिले में अस्पतालों के माध्यम से दिया जा रहा है। ड्रग कंट्रोलर केडी कुंजाम ने बताया कि दवाओं की और खेप आने पर अन्य जिलों में भी उपलब्ध कराया जाएगा।

कोरोना के साइड इफैक्ट के रूप में राज्य में ब्लैक फंगस के दर्जनों प्रकरण सामने आए हैं। दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर में इसके मरीज अधिक संख्या में हैं। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के नियंत्रक केडी कुंजाम ने बताया कि पोसाकोनाजोल एवं एम्फोटेरेसिन-बी की पहली खेप मिलने के बाद जहां पर इसके मरीज ज्यादा हैं, वहां पर अस्पतालों के माध्यम से दिया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा ब्लैक फंगस के इलाज के लिए एडवायजरी जारी की गई है।

राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों मुफ्त इलाज किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि राजधानी की दवा दुकानों में ब्लैक फंगस के इलाज में प्रयुक्त होने वाली दवाओं की कमी के चलते मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा था। स्वास्थ्य विभाग ने इसके बाद सीजीएमएससी के माध्यम से इलाज में प्रयुक्त होने वाले इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करने राज्य सरकार ने पांच हजार वाॅयल का आर्डर दिया है। दवा कंपनियों से संपर्क के बाद इसके इंजेक्शन की आपूर्ति निरंतर बनाए रखने के प्रयास हो रहे हैं।

राजधानी में 70 से अधिक मरीज

प्रदेश में ब्लैक फंगस के कई मामले सामने आए हैं। राजधानी में 70 मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें 45 एम्स में भर्ती है। 9 मरीजों का ऑपरेशन हो चुका है। इनमें 60 साल से अधिक उम्र के मरीज ज्यादा हैं। वहीं एक मरीज 32 साल का है। डाक्टरों ने बताया कि मरीजों काे ठीक होने में दो सप्ताह या इससे अधिक समय लग सकता है।


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