जुलाई में ही 437 मिमी. तक बरसा पानी, पिछले 6 साल का रिकार्ड ब्रेक

जुलाई में ही 437 मिमी. तक बरसा पानी, पिछले 6 साल का रिकार्ड ब्रेक
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प्रदेश में पश्चिमी हवा का आगमन हो रहा है, जिसके प्रभाव से बारिश का दौर अभी लगातार जारी रहने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक रायपुर शहर में पिछली दो रात में भारी बारिश हुई है, जिसके प्रभाव से उमस की परेशानी से थोड़ी राहत मिली है। पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। दक्षिण-पश्चिम मानसून इस बार रायपुर जिले में ज्यादा मेहरबान रहा। जुलाई में तीन बार भारी बारिश हुई और महीने में कुल वर्षा 437 मिमी. तक पहुंच गई जो पिछले छह साल की मासिक वर्षा से अधिक है। प्रदेश में पश्चिमी हवा का आगमन हो रहा है, जिसके प्रभाव से बारिश का दौर अभी लगातार जारी रहने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक रायपुर शहर में पिछली दो रात में भारी बारिश हुई है, जिसके प्रभाव से उमस की परेशानी से थोड़ी राहत मिली है। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो रायपुर जिले में जुलाई बारिश का पीक सीजन होता है, मगर इस बार पिछले चार-पांच सालों में लगातार भारी वर्षा की स्थिति पहली बार बनी है। शुक्र शनि की दरम्यानी रात फिर जोरदार वर्षा का दौर बना और लगभग तीन से चार घंटे तक बारिश होती रही। इससे रायपुर शहर का आंकड़ा 93.3 मिमी. लाभांडी में 72 और माना में 56 मिमी. तक बारिश हुई।


नाली-नाले जाम, निकासी का रास्ता नहीं, बारिश से कई कॉलोनियों मोहल्लों में पानी ही पानी

बारिश का सीजन शुरू होने के बाद भी शहर के अधिकतर नाली- नालों की सफाई नहीं होने के कारण सभी चोक हो चुके हैं। इसके कारण बारिश होते ही नाली- नाले उफान पर आ जा रहे हैं, जिससे बारिश का पानी नाली-नालों सेन बहकर सड़कों से लेकर मोहल्लों और कालोनियों में घुस रहा है, जिजुलाई में ही 437 मिमी. तक बरसा पानी, पिछले 6 साल का रिकार्ड ब्रेकससे जलभराव की स्थिति बन रही है। शुक्रवार रात से लेकर शनिवार को सुबह तक रुक-रुककर हुई तेज बारिश कारण शहर के कई मोहल्लों व कालोनियों में जलभराव की स्थिति बन गई, जिसके कारण लोगों को आवागमन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कुछ इलाकों में तो नगर निगम की टीम को चोक हो चुके नाली-नालों की सफाई करने के लिए भी पहुंचना पड़ा। इसके बाद ही उन इलाकों के रहवासियों को जलभराव समस्या से निजात मिल पाई।


आउटर इलाकों के कालोनियों में भी भरा पानी

शहर से लगे आउटरों में बसी नई कालोनियों में भी जलभराव की स्थिति बन गई है। सिटी से करीब 10 किलोमीटर दूर सेजबहार में बनी एक नई कालोनी में भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई है । हरिभूमि की टीम ने शनिवार को बाढ़ की स्थिति की लाइव रिपोर्टिंग करते हुए ड्रोन कैमरे से यहां की तस्वीरें ली जो यहां के हालातों को उजागर करती हैं। इस कालोनी में बारिश के पानी की निकासी के लिए बिल्डरों द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इसके कारण इस कालोनी की सड़कों से लेकर लोगों के घरों के अंदर तक पानी घुस गया है। जलभराव इतना ज्यादा है कि पानी घुटनों तक आ रहा है।

पेंड्रा में 154 मिमी

मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले चौबीस घंटे में पेंड्रा इलाके में 154.4 मिमी. तक बारिश हुई है, जो अतिभारी वर्षा की श्रेणी में शामिल है। इसके अलावा अन्य जिलों में वर्षा का प्रभाव हल्के से मध्यम रूप में रहा। राज्य में अब तक 487 मिमी बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 11 मिमी. कम है।


रेस्क्यू टीम राहत देने में जुटी

सेजबहार कालोनी में बाढ़ के कारण हालत शुक्रवार से बिगड़े हुए हैं। इसके कारण यहां के प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए बाढ़ बचाव एवं राहत दल भी मौके पर पहुंचा हुआ है, जो प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाकर उनके रहने और खानपान की सुविधा मुहैया करा रही है।

इन इलाकों में भी भरा पानी

शंकर नगर के खम्हारडीह इलाका, विधानसभा रोड, भाठागाव क्षेत्र, समता कालोनी से अग्रसेन चौक मुख्य मार्ग, पंडरी, प्रोफेसर कालोनी सहित कई इलाकों में मुख्य सड़कों में बारिश का पानी भर गया था।



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