नकली नोट छापने के मामले में 5 गिरफ्तार, लॉकडाउन में आमदनी बंद हुई तो उठाया ये कदम

महासमुंद। मंगलवार को पुलिस ने नकली नोट छापने वाले 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से 21 लाख रुपए के नकली नोट बरामद किया गया है। बताया जा रहा है कि आरोपी ने लोन लेकर कलर प्रिंटर खरीदा था। फोटोकॉपी और प्रिंट आउट का काम लॉकडाउन में ठप हो गया। कर्ज बढ़ रहा था। इसलिए आरोपी ने कलर प्रिंटर से नकली नोट छापना शुरू कर दिया। पुलिस ने जाल बिछाकर आरोपियों को धर दबोचा है।
जानकारी के मुताबिक पुलिस को सूचना मिली थी कि नकली नोट छापकर उसे खपाने की फिराक में कुछ लोग नदीमोड़ बेलसोण्डा फाटक के सौदा होने वाला है। इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाया और सायबर सेल और थाना सिटी कोतवाली की टीम सादे कपड़ों में यहां पहुंच गई। टीम नेशनल हाईवे में चेकिंग अभियान चलाकर गाड़ियों की तलाशी ले रही थी। तलाशी के दौरान पुलिस ने कलाराम उर्फ रामदास नायक और मुन्नालाल से पूछताछ की जो रुपए से भरा हुआ झोला लेकर जा रहे थे। कड़ाई से पूछताछ करने पर मुन्नालाल ने बताया कि इससे पहले वो हत्या के मामले में जेल जा चुका है। उसने यह भी कह दिया कि कलाराम के पास रंगीन फोटोकापी प्रिंटर है। जिससे नकली नोट बनाने का काम होता है।
इसके बाद पुलिस की चार टीम बना दी गईं। बलौदाबाजार जिले के सरसीवा थाना के बिलासपुर, ओड़काकन में छापे मारे गए। जैतपुर गांव में पुलिस ने कलर फोटोकापी मशीन, कटर, इंक और पेपर बरामद किया है।
नकली नोट छापने के मामले में आरोपी ने बताया कि बैंक और आम लोगों से लिया कर्ज परेशानी बन गया था। शुरूआत में इन्हें चुकाने के लिए उसने 10 और 20 रुपए के नकली नोट बनाने शुरू कर दिए। जब भीड़ में इन्हें खपाने में कामयाब रहा तो 500, 100 और 50 रुपए के नोट छापे। मुन्नालाल भारती, दुर्गा कुर्रे, रेशम कोसले, भूपेन्द्र जांगडे़ नाम के अपने साथियों को भी इसने नकली नोट खपाने के लिए दिए। वो भी चल गए तो इन बदमाशों का लालच बढ़ गया।
आरोपियों ने बताया कि रायपुर के एक व्यक्ति ने लगभग 15 लाख रुपये के नकली नोट की मांग की थी। इसी की डिलीवरी नदी मोड़ पुल के पास करने जा रहे थे। इस मामले में पुलिस अब अन्य आरोपियों की तलाश में जुट गई है।
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