6 सूत्रीय मांग को लेकर हल्ला बोल से हलाकान, चौतरफा जाम घंटों फंसीं रहीं गाड़ियां

6 सूत्रीय मांग को लेकर हल्ला बोल से हलाकान, चौतरफा जाम घंटों फंसीं रहीं गाड़ियां
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रायपुर: प्रदेश के दूरदराज इलाकों से बड़ी संख्या में पहुंची आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं के धरनास्थल पर पहुंचने बूढ़ापारा के मुख्य मार्ग पर गहमागहमी बनी रही।

रायपुर: राजधानी में सोमवार को बूढ़ापारा धरनास्थल पर एक ही दिन 3 अलग-अलग संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर धरना दिया। प्रदेश के दूरदराज इलाकों से बड़ी संख्या में पहुंची आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं के धरनास्थल पर पहुंचने बूढ़ापारा के मुख्य मार्ग पर गहमागहमी बनी रही। 6 सूत्रीय मांग को लेकर प्रदेशभर के 46 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों और 6548 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत कार्यकर्ता-सहायिकाएं काम ठप कर प्रदेशव्यापी हड़ताल में शामिल हुईं। इधर प्रदेशभर के अंशकालीन सफाई कर्मचारियों ने अपनी सूत्रीय मांग को लेकर राजधानी में प्रदर्शन किया। तीन संगठनों के हल्ला बोल से शहर के बड़े हिस्से में आज दिनभर जाम के हालात रहे।

प्रदेशभर के आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत एक लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं सोमवार से काम ठप कर हड़ताल पर चली गईं। 6 सूत्रीय मांग को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाओं के विभिन्न संगठनों ने एक संयुक्त मंच बनाकर शासन का ध्यान आकर्षित कराने राजधानी मुख्यालय में 5 दिन का महापड़ाव किया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं के हड़ताल पर चले जाने से प्रदेश के दूरस्थ इलाकों से सहित राजधानी रायपुर के आउटर वार्डाेें में स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों में सन्नाटा पसरा रहा। बोरियाखुर्द, छत्तीसगढ़ नगर, भनपुरी, खमतराई, देवपुरी, लालपुर, डूंडा, रामनगर, कबीरनगर सहित राजधानी के अंदरूनी इलाके में स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों में ताले लगे रहे।

शासकीय कर्मचारी घोषित करने भरी हुंकार

सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, जशपुर, सूरजपुर, कोरिया, राजनांदगांव, दुर्ग , भिलाई, रायपुर, कोरबा, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार सहित अन्य स्थानों से चारपहिया वाहनों की सवारी कर पहुंची आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाओं ने राजधानी में शासकीय कर्मचारी घोषित करने की मांग को लेकर हुंकार भरी। बूढ़ापारा के धरनास्थल पर महापड़ाव में संयुक्त मंच के पदाधिकारियों ने राज्य शासन को चुनावी वादे की याद दिलाते हुए छह सूत्रीय मांगें जल्द पूरी करने आवाज बुलंद की। इन मांगों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित करने, बालवाड़ी का काम जो शिक्षकों को दिया जा रहा है, उसे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को देने, मासिक पेंशन समेत चार और मांगें शामिल हैं।

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