मार्मिक वीडियो : MP के 70 मजदूर CG में दर-ब-दर, DFO ऑफिस के बाहर डाला डेरा, गुड़ के साथ खाई परसों की रोटी, सबकी एक ही गुहार- हमारा मेहनताना दे दो साहब...

मार्मिक वीडियो : MP के 70 मजदूर CG में दर-ब-दर, DFO ऑफिस के बाहर डाला डेरा, गुड़ के साथ खाई परसों की रोटी, सबकी एक ही गुहार- हमारा मेहनताना दे दो साहब...
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एमपी के 70 मजदूर सीजी में दर-ब-दर भटकने मजबूर हैं. मजदूरों ने डीएफओ ऑफिस के बाहर डेरा डाल दिया है. मजदूरों ने गुड़ के साथ परसों की रोटी खाई. रात में बारिश हुई तो धमेला में बैठकर रात गुजारनी पड़ी. बारिश से सर बचाने दोनों हाथों से पॉलीथिन को पकड़कर रातभर जद्दोजहद करते रहे. मजदूरों के छोटे बच्चे भूख से बिलखते रहे.

कोरबा. एमपी के 70 मजदूर सीजी में दर-ब-दर भटकने मजबूर हैं. मजदूरों ने डीएफओ ऑफिस के बाहर डेरा डाल दिया है. मजदूरों ने गुड़ के साथ परसों की रोटी खाई. रात में बारिश हुई तो धमेला में बैठकर रात गुजारनी पड़ी. बारिश से सर बचाने दोनों हाथों से पॉलीथिन को पकड़कर रातभर जद्दोजहद करते रहे. मजदूरों के छोटे बच्चे भूख से बिलखते रहे. वन विभाग ने नियम विरुद्ध एमपी से मजदूर बुलाया. सात दिन जी-तोड़ मजदूरी कराया और मेहनताना का भुगतान नहीं किया. मजदूरों ने अब मजदूरी लेकर जाने की जिद पकड़ ली है और डीएफओ ऑफिस के बाहर ही डेरा डाल दिया है.

वन विभाग कोरबा की ऐसी करतूत सामने आई है जिसका खामियाजा दर्जनों परिवार भुगत रहे हैं. यही नहीं विभाग के लोगों के कारण छत्तीसगढ़ की छवि भी खराब हो रही है. नियम विरुद्ध मध्य प्रदेश से लाए गए मजदूरों से वन विभाग ने काम करवाने के बाद उनका भुगतान नहीं किया. फलस्वरूप पड़ोसी राज्य के मजदूर यत्र-तत्र भटक रहे हैं.

वन विभाग कोरबा में कैसे मनमानी की जा रही है इसका प्रमाण दे रहे हैं मध्य प्रदेश के शहडोल बुढार और सतना की तरफ से आए मजदूर. पता चला है कि बालको रेंजर ने विभागीय कार्य कराने के लिए 70 से अधिक मजदूर किसी दलाल के जरिए मध्य प्रदेश से बुलवाए. दूधीटांगर में गड्ढा खुदाई का कार्य 28 जनवरी से शुरू कराया गया. परिवार सहित दूधी टांगर पहुंचे मजदूरों ने जब अपना मेहनताना मांगा तो बहानेबाजी शुरू कर दी गई. मजबूरन यह मजदूर किसी से जिलाधीश कार्यालय का पता पूछकर कोरबा पहुंचे और कल शाम से ही जिलाधीश कार्यालय के समक्ष डेरा डाल दिया. बाद में उन्हें समझाइश देकर वन विभाग के डीएफओ ऑफिस भेजा गया. जहां उन्होंने खुले स्थान पर बच्चों और महिलाओं के साथ रातगुजारी यहां इन मजदूरों को कई दिन पहले बनाई हुई सूखी रोटी खाते देखा जा रहा है. यही नहीं इनके बच्चे भूख में बिलख रहे हैं.

वन विभाग का कोई भी अधिकारी इस विषय में कुछ भी बताने से परहेज कर रहा है. पता यह भी चला है कि सुबह 4:00 बजे से मजदूरों द्वारा जो कार्य किया गया है. उसकी नपाई चल रही है. उसके बाद शायद इनको भुगतान देने की राह निकले. लेकिन सूत्र यह भी बता रहे हैं कि वन विभाग के अधिकारी इस मामले में नियम विरुद्ध कार्य कर फंस गए हैं. उन्हें इसके लिए कई स्तर पर जवाब देकर सबको संतुष्ट करना पड़ेगा तभी इनकी नौकरी और गर्दन बचेगी.






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