80 साल के बुजुर्ग बंदी ने दी कोरोना को मात, सात दिनों में हुए डिस्चार्ज

दुर्ग। सेंट्रल जेल के सजायाफ्ता 80 बरस के बुजुर्ग ने आज कोविड को मात दे दी। उन्हें 18 सितंबर को शंकराचार्य कोविड हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था। ऑक्सीजन लेवल गिरने पर जेल परिसर के डॉक्टरों ने इन्हें शंकराचार्य हॉस्पिटल में रिफर कर दिया।
शंकराचार्य कोविड हॉस्पिटल में इनका ऑक्सीजन लेवल 85 तक पहुंच गया था। वहां सात दिनों तक ऑक्सीजन सपोर्ट और दवाइयों का अच्छा असर हुआ और अब बुजुर्ग पूरी तरह कोविड से मुक्त हो गए। जिस दिन वे डिस्चार्ज हुए, उनका ऑक्सीजन लेवल 97 था। शंकराचार्य कोविड हॉस्पिटल में डॉक्टर इस संबंध में कड़ी मेहनत कर हर पेशेंट को स्टेबल करने के पीछे बड़ी मेहनत की।
ऐसा ही उदाहरण प्रशांत मनहरे का है। वे चंदूलाल हॉस्पिटल में थे और उन्हें डायरिया हुआ, सांस लेने में तकलीफ होने लगी तो तुरंत शंकराचार्य हॉस्पिटल लाया गया। थोड़े परेशान हुए लेकिन नर्सिंग स्टाफ ने काउंसिलिंग की। उन्होंने बताया कि आपके सारे पैरामीटर बहुत अच्छे से कार्य कर रहे हैं। आपको ऑक्सीजन की दिक्कत हो रही है तो इसे दूर करने यहां व्यवस्था है। कोविड संक्रमण का असर कुछ समय रहता है, दवाईयों की मदद से धीरे-धीरे स्टेबलिटी आती है। इस काउंसिलिंग का डॉक्टरों के लगातार मानिटरिंग का असर हुआ। वे स्वस्थ होकर वापस लौट गये।
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