6 राज्यों के किसानों से 90 करोड़ की ठगी, मछली पालन के नाम पर अकेले दुर्ग में ही 5 करोड़ ठगे, 2 ठगराजों को राजस्थान से ट्रांजिट रिमांड पर लाया गया...

दुर्ग. मछली पालन के नाम पर गिरफ्त में आए ठगों ने 6 राज्यों के किसानों से 90 करोड़ की ठगी कर ली. छत्तीसगढ़ के अकेले दुर्ग जिले में ही ठगों ने 5 करोड़ से ज्यादा रकम ठग लिए. इस ठग गिरोह में शामिल 2 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. जानकारी के अनुसार इस गिरोह के 7 आरोपी अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं.
दुर्ग पुलिस ने ट्रांजिट रिमांड पर दोनों आरोपियों को राजस्थान से दुर्ग ले आई है. फिश फार्मिंग ठग गिरोह ने दुर्ग जिले के 94 किसानों से 5 करोड़ से ज्यादा की ठगी की है. दुर्ग पुलिस आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद पुलिस रिमांड में लेगी. पुलिस रिमांड मिलते ही आरोपियों से मामले में विस्तृत पूछताछ की जाएगी.

मोहन नगर पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक बिजेंद्र कश्यप (43 साल) निवासी फरीदाबाद उत्तर प्रदेश ने अपने साथी विनय शर्मा (24 साल) निवासी बहादुरगढ़ हरियाणा के साथ मिलकर 6 राज्य के किसानों से फिश फार्मिंग के नाम पर ठगी की है. इनके द्वारा फिश फार्चून फार्मिंग के नाम से एक चिटफंड कंपनी संचालित की जा रही थी. इन्होंने छत्तीसगढ़ में सुधीर भंडारी और गुलाब चंद्राकर के साथ मिलकर 94 किसानों से 5 करोड़ 33 लाख से अधिक की ठगी की है.
इरुगुड़ा सिकोला गुंडरदेही निवासी किसान देवेश चंद्राकर ने इनके खिलाफ मोहन नगर थाने में लिखित शिकायत की थी. पुलिस ने जांच में पाया कि आरोपियों ने ओम परिसर अपोजिट लाइफ केयर में बकायदा ऑफिस संचालित किया हुआ था. यहां से ठगी करके भागने के बाद जब आरोपी मध्य प्रदेश पहुंचे तो भोपाल पुलिस ने इन्हें सबसे पहले गिरफ्तार किया. इसके बाद राजस्थान पुलिस ने इन्हें रिमांड पर लिया था. छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने राजस्थान के भीलवाड़ा जेल से 29 जनवरी को ट्रांजिट रिमांड पर लाकर कोर्ट में पेश कर उनका पुलिस रिमांड लिया है.
जांच में पाया गया कि आरोपी छत्तीसगढ़ के एजेंटों के माध्यम से किसानों से संपर्क करते थे. यह लोग आधा एकड़ से लेकर एक एकड़ तक के भूमि धारक किसानों को फिश फार्मिंग के नाम पर उनकी जमीन लीज पर लेने का लालच देते थे. आधा एकड़ वाले किसान को 5.5 लाख और एकड़ जमीन वाले किसान से 11 लाख रुपए जमा कराते थे. इसके एवज में किसान को 14 महीने की लीज पर जमीन लेने की बात कहकर क्रमशः 75 हजार और 1.5 लाख रुपए महीना कमीशन देने का प्रलोभन देते थे. किसानों को यह भी कहा जाता था कि वह उनकी जमीन पर तालाब, बोर, सीसीटीवी कैमरा, मछली बीज, दाना, गार्ड रखकर और लाइट लगाकर देंगे. पहले कुछ महीनों तक इन्होंने किसानों को कमीशन भी दिया. जब 94 किसानों से इन्होंने रुपए ले लिए तो यह अपना आफिस बंद कर फरार हो गए.
इस मामले में कंपनी के एमडी बिजेंद्र और सीईओ विनय शर्मा को भोपाल पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था. अभी भी आरोपी सुधीर भंडारी, गुलाब चंद्राकर, भरत मौर्य, मनीष कश्यप, हितेश सैनी, सौरभ कुमार और मनोज त्रिपाठी फरार हैं. पुलिस इनकी तलाश कर रही है.
आरोपी बिजेंद्र कश्यप ने होशंगाबाद से मछली पालन की ट्रेनिंग ली. इसके बाद इस कार्य के बहाने किसानों से ठगी करने के लिए बकायदा एक कंपनी बनाई. उसने अपनी कंपनी की शुरूआत साल 2019 में आगरा उत्तर प्रदेश से की थी. इसके बाद उसने अन्य आरोपियों को कमीशन का लालच देकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, बिहार, हरियाणा में अपनी ठगी का जाल फैलाया और वहां के किसानों से ठगी की. सभी राज्यों में इन आरोपियों के खिलाफ ठगी के मामले दर्ज हैं.
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