शादी से बचने नाबालिग प्रेमिका को खिलाई अबार्शन की गोली : ब्लडिंग ज्यादा होने से मौत, प्रेमी को मिला आजीवन कारावास

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में एक प्रेमी ने अपनी पांच महीने की गर्भवती प्रेमिका को एबॉर्शन की दवाई खिलाई जिससे ज्यादा खून बहने से उसकी मौत हो गई। दोषी प्रेमी को स्पेशल एडीजे कोर्ट गौरेला ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पूरा मामला पेंड्रा थाना क्षेत्र के शिकवा गांव का है। शिकवा गांव के खेमचंद रजक उर्फ गोलू का प्रेम संबंध गांव की ही रहने वाली नाबालिग लड़की के साथ था। आरोपी ने लगातार लड़की का यौन शोषण किया, जिसके बाद वह गर्भवती हो गई। खेमचंद उससे शादी नहीं करना चाहता था इसलिए उसने उसे गर्भपात की दवाई लाकर दी। जिसे खाने के बाद ज्यादा खून बहने से लड़की की मौत हो गई।
मृत नाबालिग लड़की के परिजनों ने केस दर्ज कराया था। जिसके बाद 1 सितंबर को खेमचंद की गिरफ्तारी हुई। मृतिका के उम्र के बारे में पता लगाया गया तो मौत के दिन तक उसकी उम्र 15 साल 9 महीने थी। जिसके बाद आरोपी का कोर्ट में केस चल रहा था। सभी गवाहों और सबूतों के अनुसार खेमचंद दोषी पाया गया।
दोषी को मिला आजीवन कारावास
इस मामले में कोर्ट ने दोषी को धारा 302 के तहत दोष मुक्त करते हुए कहा कि दोषी का आशय मृतका की हत्या करने का नहीं था। वह लड़की के गर्भपात करवाना चाहता था, ताकि नाबालिग के परिजनों और समाज के लोगों को उसके प्रेम संबंध का पता न चल सके। लेकिन धारा 314 और पॉक्सो एक्ट (POCSO- Protection of Children from Sexual Offences Act, 2012) की धारा 6 के तहत दोषी पाते हुए धारा 314 के अपराध में 10 साल की सजा और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
इसके अलावा दोषी पर एक हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया गया और पीड़िता के परिजनों को पीड़ित प्रतिकर योजना के अंतर्गत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के द्वारा अंतरिम क्षतिपूर्ति के रूप में ढाई लाख रुपए दिलाया गया।
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