Accident: हादसे ने ले ली परिवार के मुखिया की जान, नहीं मिली आर्थिक मदद, पत्नी लगा रही गुहार

छन्नू खंडेलवाल-मांढर। सड़क हादसे परिवारों के लिए घातक साबित हो रहे हैं। घर का मुखिया छीन जाता है। बच्चों के सिर से पिता का साया उठ जाता है। जो दिन उनके खेलने-कूदने और पढ़ने के होते हैं, उन दिनों में उन्हें अपने कंधों पर जिम्मेदारी का बोझ उठाना पड़ता है। ये दुख केवल वही समझ पाता है, जिस पर बीती हो। कुछ ऐसी ही कहानी है ग्राम मांढर निवासी साहू परिवार की। 11 दिसंबर को एक सड़क हादसे में 35 वर्षीय धनेश्वर साहू की मौत हो गई। इसके बाद तो जैसे उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा।
मृतक की पत्नी चम्पेश्वरी साहू ने बताया कि, पति धनेश्वर साहू सिलतरा के सरडा एनर्जी फैक्ट्री में ठेकेदार के नीचे मजदूरी का काम करते थे। उन्हीं के आय से बच्चों की पढ़ाई और परिवार का गुजर बसर चल रहा था। उनके तीन बेटे हैं। बड़ा लड़का 18 साल का हो गया है, दूसरा 15 और सबसे छोटा 12 साल का है। उनके पिता की मौत के बाद बच्चों की पढ़ाई और घर चलाने की चिंता सताने लगी है।
हादसे में हुई पति की मौत, बाल-बाल बची पत्नी और भतीजी
धनेश्वर साहू बाइक में पत्नी चम्पेश्वरी साहू और 13 साल की भतीजी के साथ तीनों जरौदा अपने साढ़ू भाई के यहां बर्थडे कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मांढर के घर से निकले थे। ग्राम टोर शीतला मंदिर के पास पहुंचे ही थे कि सामने से आ रही ट्रैक्टर ट्राली चालक ने बाइक सवार दम्पती को ठोकर मार दी। ठोकर लगते ही धनेश्वर की पत्नी और नाबालिक उछलकर दूर जा गिरी, जिससे दोनों बाल-बाल बच गई। धनेश्वर साहू ट्रैक्टर-ट्रॉली के पहिए के नीचे आ गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटनास्थल से चालक ट्रैक्टर ट्रॉली को लेकर फरार हो गया था। ट्राली में धान लोड था। ट्रैक्टर टोर गांव के एक व्यक्ति की बताई जा रही है।
मामले में पुलिस जांच के नाम पर कर रही खाना पूर्ति
इस मामले में पुलिस जांच के नाम पर खाना पूर्ति कर रही है। घटना के 10 दिन बीत चुके हैं लेकिन पुलिस ने अब तक ट्रैक्टर ट्राली को जप्त नहीं किया है। न ही आरोपी को पकड़ पाई है। ऐसे में मृतक की पत्नी ने जनप्रतिनिधियों से न्याय की गुहार लगाई है और मुआवजे की मांग की है।
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