शरारती तत्वों का कारनामा : तेज हवा के कारण जंगल में फैली आग, वन विभाग ने शुरू किया जागरूकता अभियान

शरारती तत्वों का कारनामा : तेज हवा के कारण जंगल में फैली आग, वन विभाग ने शुरू किया जागरूकता अभियान
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शरारती तत्वों ने आगजनी की उससे सरगुजा जिले के सरगा शिवनाथपुर समेत कुनमेरा के जंगलों में आग ने दावानल का रूप धारण कर लिया है। मौके पर पहुंचे वन अमले ने आग पर काबू पा लिया है। पढ़िए पूरी खबर...

अनिल उपाध्याय-अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के जंगलों में तापमान बढ़ने के साथ ही शरारती तत्वों ने जंगल में आग लगा दी। इससे जंगल का काफी बड़ा हिस्सा आग की चपेट में आ गया। सूचना के बाद रेंजर विजय कुमार तिवारी के साथ मौके पर पहुंचे वन विभाग ने समय रहते ही आग पर काबू पा लिया और जंगल में लगी आग को पूरी तरह से बुझा दिया गया। इसके साथ ही लोगों को जंगल में आग न लगाने की समझाइश भी दी गई। इस आगजनी की वजह से वन संपदा को काफी नुकसान पहुंची है। जंगल में लगी आग जंगली जानवरों के लिए जी का जंजाल बन जाता है, जिससे बचने के लिए मजबूरी में वो गांव की तरफ रुख करते हैं। जहां इंसानों के साथ होने वाली हिंसक टकराव की वजह से दोनों पक्षों को जानमाल का नुकसान झेलना पड़ता है।

बता दें कि, जंगलों में बहुतायत में पाए जाने वाले महुआ संग्रहण के लिए लोग सूखे पत्तों में आग लगा देते हैं, जो पूरे जंगल को अपनी चपेट में लेते हुए दावानल का रूप धारण कर लेता है। शरारती तत्वों ने आगजनी की उससे सरगुजा जिले के सरगा शिवनाथपुर समेत कुनमेरा के जंगलों में आग ने दावानल का रूप धारण कर लिया है। इससे पहले कि, आग विध्वंस रूप धारण करती मौके पर पहुंचे वन अमले ने आग पर काबू पा लिया। काफी मशक्कत के बाद आगजनी पर काबू पाते हुए वन विभाग ने लोगों को जंगल में आगजनी न करने की समझाइश दी है। वन विभाग ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया कि, इससे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है। वहीं वन संपदा और जंगल में रहने वाले पशु-पक्षियों के लिए जानलेवा बन जाता है।

वन विभाग ने शुरू किया जागरूकता अभियान

वन विभाग ने जंगल में की जाने वाली आगजनी को रोकने के लिए लोगों के बीच जागरूकता अभियान शुरू किया है। वन रक्षा समिति और उसके सदस्यों के जिम्मे जंगलों की देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके बाद भी अगर जंगलों में आगजनी की घटना होती है तो ये काफी चिंताजनक है। जंगल में लगी आग की वजह से मजबूरन जंगली जानवर गांव की ओर पलायन कर जाते हैं, जिससे इंसान और जानवरों के बीच हिंसक टकराव की स्थिति बनती है। इस हिंसक टकराव की वजह से अक्सर जानमाल का नुकसान झेलना पड़ता है। समय रहते वन विभाग ने अगर जंगलों को दावानल से बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो भविष्य में स्थिति और भयावह हो जाएगी।

वन रक्षा समिति और गांव के लोगों के सहयोग से होगी जंगलों की निगरानी

इस संबंध में वन परिक्षेत्राधिकारी विजय कुमार तिवारी ने बताया कि, फिलहाल जंगलों में लगी आग पर काबू पा लिया गया है। जंगल से लगे गांव में जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जंगल में आग न लगाने की समझाइश दी जा रही है। वन रक्षा समिति और गांव के लोगों के सहयोग से जंगलों की निगरानी भी की जा रही है।

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