एडीजी राजद्रोह मामला, डिलिट-हिडेन फाइल रिकवरी पर पुलिस का फोकस

पुलिस विभाग के निलंबित वरिष्ठ आईपीएस एडीजी जीपी सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने से ज्यादा उन पर लगे राजद्रोह के मामले की जांच में पुलिस टीम उलझी हुई है। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले की जांच में एसीबी और ईओडब्ल्यू को जो साक्ष्य मिले हैं उसका दोनों जांच एजेंसियां मिलान कर रही हैं। इसके साथ ही अफसर के खिलाफ कथित तौर पर राजद्रोह के आरोप लगने के बाद चार अलग-अलग थानों के टीआई के साथ एक सीएसपी श्री सिंह के निवास में गुरुवार को जांच करने पहुंचे थे।
पुलिस अफसरों से बातचीत में मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार को श्री सिंह के निवास से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त करने के बाद टेक्निकल टीम के हवाले कर दिए गए। टेक्निकल टीम ने उक्त डिवाइस जिसमें चार लैपटॉप, सीपीयू तथा हार्डडिस्क की उसी दिन से पड़ताल शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को टेक्निकल टीम ने श्री सिंह के घर जब्त इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की छह घंटे तक पड़ताल की। प्रारंभिक पड़ताल में अफसरों को श्री सिंह के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में कोई विशेष साक्ष्य नहीं मिले।
डिलिट हिडेन फाइल रिकवरी पर ध्यान
पुलिस अफसरों के मुताबिक जब्त सीपीयू, लैपटॉप की जांच का फोकस डिलिट एवं हिडेन फाइल को रिकवर करने पर है। इसके लिए जरूरत पड़ने पर साइबर एक्सपर्ट की मदद ली जा सकती है। अफसरों का मानना है कि डिलिट फाइल रिकवर होने से मामले की जांच में मदद मिलेगी।
हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद जांच में तेजी
एसीबी तथा ईओडबल्यू की कार्रवाई को चुनौती देते हुए एडीजी जीपी सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। मामले की सुनवाई 21 जुलाई को हाईकोर्ट में होनी है। इस वजह से एसीबी के साथ पुलिस की टीम अब पूरे मामले की जांच करने फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। सुनवाई के बाद पुलिस अफसर आने वाले दिनों में श्री सिंह के खिलाफ उचित कदम उठाने की बात कह रहे हैं। साथ ही उनकी लोकेशन ट्रेस करने की कोशिश तेज कर दी है। पुलिस अफसरों का मानना है कि श्री सिंह उत्तर भारत के किसी राज्य में हो सकते हैं।
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