निजी छोड़ सरकारी में एडमिशन, अब एसोसिएशन का खत-गरीब बच्चों को ही दें प्रवेश

सरकारी इंग्लिश माध्यम स्कूलों में पालकों का रुझान इस कदर बढ़ गया है कि अब वे अपने बच्चों का प्रवेश निजी स्कूलों में छोड़कर यहां करवाने लगे हैं। इसमें उच्च वर्गीय परिवार भी शामिल हैं। अब निजी स्कूलाें की मांग है कि सरकारी इंग्लिश माध्यम में प्रवेश के लिए मापदंड तय किए जाएं। आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को यहां आरक्षण की मांग की जा रही है ताकि निजी स्कूल में अध्यापन के लिए सक्षम छात्रों के स्थान पर जरूरतमंद छात्रों को सीट मिल सके।
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा इस बाबत मुख्यमंत्री को खत भी लिखा गया है। एसोसिएशन ने कहा है कि साधन संपन्न लोग जो निजी स्कूलों में अध्यापन कराने में सक्षम हैं, वे भी सरकारी इंग्लिश माध्यम के लिए आवेदन कर रहे हैं। ऐसे में गरीब छात्र अपने हक से वंचित हो रहे हैं। इन छात्रों को इनका हक मिल सके इसलिए यहां गरीब छात्रों के लिए आरक्षण या कोई अन्य व्यवस्था की जानी चाहिए।
फीस के लिए लॉटरी का इंतजार
रायपुर के सभी सरकारी स्कूलों में थोक में आवेदन मिले हैं। इनमें वे छात्र भी शामिल हैं, जो वर्तमान में निजी स्कूलों में अध्ययनरत हैं लेकिन आगे की पढ़ाई सरकारी स्कूल में करना चाहते हैं। चूंकि सरकारी इंग्लिश माध्यम स्कूलों में प्रवेश के लिए अभी लॉटरी नहीं निकली है इसलिए ये छात्र निजी स्कूल में ही अध्ययनरत हैं। इन छात्रों की फीस निजी स्कूलों को अब तक प्राप्त नहीं हुई है। ये छात्र लॉटरी का इंतजार कर रहे हैं। लॉटरी में चयन ना होने पर ही छात्रों द्वारा निजी स्कूल में पढ़ाई आगे जारी रखी जाएगी।
कोई कोटा नहीं
गौरतलब है कि सरकारी इंग्लिश माध्यम स्कूल में किसी तरह का कोई भी कोटा निर्धारित नहीं किया गया है। केवल ऐसे छात्रों को महतारी दुलार योजना के अंतर्गत पात्र हैं उन्हें प्राथमिकता देने की बात कही गई है। लेकिन किसी अन्य तरह के कोई नियम नहीं है। सीट से अधिक आवेदन होने पर चयन का एकमात्र आधार लॉटरी ही होगा।
अन्य विकल्प भी
जो आर्थिक रूप से संपन्न हैं उनके पास शिक्षा का अन्य विकल्प भी है इसलिए हम गरीब छात्रों को सरकारी इंग्लिश माध्यम स्कूल में कोटा प्रदान करने की मांग कर रहे हैं।
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