आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की मृत्यु पर परिजनों की नियुक्ति पर होगा विचार, CM ने दिया आश्वासन

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना संकट काल और लॉकडाउन के दौरान फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में कार्य कर रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मृत्यु के प्रकरणों में उनके पारिवारिक सदस्यों को नियुक्ति करने के प्रस्ताव पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया है।
आज कैबिनेट की वर्चुअल बैठक के दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया ने मुख्यमंत्री से इस विषय पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट के पैकेट का नियमित रूप से महिलाओं और बच्चों को वितरण कर रही है। इसके साथ ही साथ उनके स्वास्थ्य एवं टीकाकरण की भी निगरानी कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट काल में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण की चिंता करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। सीएम ने महिला एवं बाल विकास मंत्री को इस संबंध में प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने इस प्रस्ताव पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के कारण फिलहाल आंगनबाड़ी केन्द्र बंद हैं। इसके बावजूद बच्चों एवं महिलाओं को खाद्यान्न सामग्री का वितरण नियमित रूप से किया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका खाद्यान्न सामग्री के वितरण के साथ-साथ बच्चों को पात्रता अनुसार सप्ताहिक टीकाकरण के कार्य तथा कोविड से बचाव के लिए लोगों को टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं।
गौरतलब है कि इस संबंध में कई आंगनबाड़ी संगठनों ने लंबे समय से राज्य सरकार के समक्ष अपनी मांगे रखी थी। अभी हाल ही में इसे लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के बीच काफी आक्रोश देखा जा रहा था, लेकिन इस मुख्यमंत्री के इस आश्वासन के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को थोड़ी राहत की उम्मीद दिखी है।
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