Death of Cattle : मवेशियों की मौत के बाद जनपद सीईओ ने सचिव को किया सस्पेंड...ट्रैक्टर में भरकर महानदी में बहा दिए थे सभी मवेशी...

Death of Cattle :  मवेशियों की मौत के बाद जनपद सीईओ ने सचिव को किया सस्पेंड...ट्रैक्टर में भरकर महानदी में बहा दिए थे सभी मवेशी...
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10 मवेशियों की मौत के बाद जनपद सीईओ हिमांशु वर्मा ने जांच की, जिसके आधार पर जिला पंचायत सीईओ ने सचिव धनसाय कैवर्त को सस्पेंड कर दिया है।...पढ़े पूरी खबर

देवेश साहू/बलौदाबाजार- छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार के ग्राम मल्दा में 10 मवेशियों की मौत के बाद जनपद सीईओ हिमांशु वर्मा ने जांच की, जिसके आधार पर जिला पंचायत सीईओ ने सचिव धनसाय कैवर्त को सस्पेंड कर दिया है। इस पूरे मामले को हरिभूमि.कॉम ने स्पष्टता से उठाया था। जिसका बड़ा असर देखने को मिला है। क्योंकि जांच टीम ने जिस दिन यह घटना हुई, उसी दिन यानी रविवार को ही मौके पर पहुंचकर निलंबन की कार्रवाई की है।

बता दें, छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना में पंचायत के कर्ताधर्ता और गौठान के जिम्मेदार पलीता लगाते हुए नजर आ रहे है, तभी तो राशि लेने के बाद भी जिम्मेदारी नहीं निभा पा रहे है। आप भी देख सकते है कि किस तरह से बेजुबान मवेशियों को समय पर दाना पानी उपलब्ध न कराने के अलावा उनकी सुरक्षा में भी चूक की जा रही है। यह पूरा मामला कसडोल विकासखंड के ग्राम पंचायत मल्दा का है। मवेशियों के लिए दाना-पानी नहीं होने के कारण लगभग दस मवेशीयों के मरने की जानकारी सामने आई है। साथ ही दो बीमार मवेशी सहित 12 मवेशियों को ट्रेक्टर में डालकर समीपस्थ महानदी की बाढ़ में बहा दिया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह पूरा मामले का वीडियो में रिकॉर्ड कर रहे युवक के साथ ही गौठान के जिम्मेदारों ने हाथा पाई करके मोबाईल भी तोड़ दिया है।


ट्रैक्टर में मवेशियों को महानदी में बहाया...

गौठान के जिम्मेदार अपनी मानवता खोकर मृत मवेशियों को निर्दयी तरीके से लोड कर महानदी में बहा दिया गया। दरअसल, वर्तमान में सभी लोगों को दूध , लेकिन मवेशी कोई नही रखना चाहता। सभी जगह मवेशियों की इतनी दुर्दशा है कि बताया नहीं जा सकता, आज मवेशी आवारा सड़को में घूमती है तो किसी की बीच सड़क में दुर्घटना से मौत हो रही है। इससे बचने के लिए अगर कोई गौठान में रखता है तो बिना दाना-पानी के मृत हो रही हैं या बीमार होने पर कोई इलाज कराने वाला नहीं हैl

रोका छेका अभियान चलाया गया...

छत्तीसगढ़ सरकार ने पशुओं के सुरक्षा के लिए हर एक ग्राम पंचायत में गौठान का निर्माण कराया है। ताकी मवेशी गौठान में ही दाना-पानी खाते रहे और सुरक्षित रहे औरl जुलाई में पूरे प्रदेश में रोका छेका अभियान चलाया गया लेकिन इसके बावजूद कही भी मवेशी नही रहताl जहां रहता भी है, वहां बिना दाना-पानी के मवेशी मर रही हैl इसी बीच ग्राम पंचायत मल्दा में एक साथ दस मवेशी मृत हो गई और दो बीमार हालत में थीं। इन सभी मवेशियों को ट्रेक्टर में डालकर महानदी के बाढ़ में बहा देने की जानकारी मिली है l ग्राम मल्दा के बजरंग दल, एबीबीपी सहित ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार मल्दा में गौठान तो बना है, लेकिन कोई व्यवस्था न होने के कारण मवेशियों को सचिवालय के पास गौठान समिति में रखा जाता है। वहां भी कोई व्यवस्था न होने से शनिवार को लगभग 10 मृत मवेशी थी और दो बीमार थी। इन सभी को चंद राम साहू, जितेंद्र केवट दिलहरण और दुकालू ने ट्रेक्टर में डालकर नदी के बाढ़ में बहा दियाl

जानकारी मिलने पर सरपंच ने क्या कहा था...

मवेशियों की मृत होने की जानकारी संज्ञान में आने के बाद सरपंच से पूछा गया तो वो आनाकानी करते हुए दिखाई दिए। साथ ही सरपंच को वीडियो उपलब्ध भी करवा दिया गया है, एडीओ की टीम का गठन किया गया है।

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