दुर्दांत नक्सली के परिजन माओवादी संगठन से नाराज, कहा- 'आखिरी बार लाश भी देखने को नहीं मिली'

जगदलपुर। माओवादी संगठन के केंद्रीय कमेटी सदस्य हरिभूषण की मौत के बाद उनके परिजनों ने माओवादी संगठन के प्रति नाराजगी जाहिर की है। परिजनों का कहना है कि- 30 साल तक संगठन के लिए काम करने के बाद संगठन ने परिवार वालों तक को मौत की जानकारी नहीं दी। मौत के चार दिन बाद अखबारों व सोशल मीडिया से हरिभूषण व उनकी पत्नी शारदा के मौत की जानकारी मिली।
परिजनों का कहना है कि मौत के बाद उन्हें अंतिम बार देखने भी नहीं दिया गया। माओवादी संगठन को परिवार वालों को शव सौंपना था, जिससे उनका पूरे रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जा सकता। माओवादी संगठन के इस रवैये से परिवार नाराज है।
नक्सलियों के तेलंगाना स्टेट सचिव हरिभूषण की मौत के बाद उसकी पत्नी की भी मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक कोरोना से 4 नक्सली कमांडर समेत कई नक्सलियों की मौत हो चुकी है। हरिभूषण कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई माओवादी) का तेलंगाना राज्य समिति का सचिव और केंद्रीय समिति का सदस्य था। उस पर 40 लाख रुपये का इनाम भी था। पिछले कुछ समय से वह बीजापुर जिले के बासागुड़ा से पामेड़ के बीच फैले जंगल में काफी सक्रिय था। मूल रूप से तेलंगाना के महबूबाबाद जिले के कोट्टागुड़म के माडागुड़म गांव का रहने वाला हरिभूषण 1995 में नक्सली बना था। बीते कई वर्षों से वह बस्तर क्षेत्र में सक्रिय था, उसे यहां हुई कई बड़ी वारदातों का मास्टरमाइंड माना जाता है।
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