गड़बड़ी का आरोप : आत्मानंद स्कूल में नियुक्ति का मामला, अभ्यर्थी ने मेरिट सूची में गड़बड़ी के दिए सबूत

रामानुजगंज। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में संचालित स्वामी आत्मानंद स्कूल में नियुक्ति को लेकर एक आवेदन कर्ता ने प्रशासनिक व्यवस्था पर कई सवाल उठाए हैं। अभ्यर्थी ने जारी चयन सूची में कई तरह की गड़बड़ी का आरोप लगाया है। साथ ही कलेक्टर को आवेदन देकर पुनः मेरिट सूची बनवाने की मांग की है।
दरअसल आत्मानंद स्कूल में शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए योग्य लोगों से आवेदन मांगे गए थे।बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में संचालित सभी स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ठ (अंग्रेजी माध्यम) उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में नियुक्ति के लिए कोई भी आवेदन कर सकता है। इसमें चयन सूची जारी की गई है। जारी सूची में कई तरह की गड़बड़ी सामने आई है। रघुनाथनगर आत्मानंद स्कूल के लिए संस्कृत पद के लिए आवेदन प्रस्तुत करने वाली अभ्यर्थी अमिता सिंह ने चयन सूची के मेरिट सूची में गड़बड़ी का आरोप लगते हुए बलरामपुर कलेक्टर को आवेदन देकर पुनः मेरिट सूची बनवाने की मांग की है। अभ्यर्थी अमिता सिंह ने आवेदन में बताया कि संस्कृत विषय के मेरिट सूचि में मुझे दूसरा स्थान प्रदान किया गया है। पहले स्थान पर आने वाले अभ्यर्थी विनोद कुमार यादव को डेमो में 15 अंक में 1.80 अंक मिला है, जबकि मुझे 12.20 अंक प्राप्त हुए हैं।
संस्कृत विषय में अध्यापन कराए जाने में स्वर, राग व उच्चारण का महत्त्व होता है, जिसके कमी के कारण डेमो में विनोद कुमार यादव असफल रहे। अमिता सिंह ने विनोद कुमार यादव के अंकसूची को भी संदिग्ध बताते हुए अंकसूची जाँच की भी मांग की है। अमिता सिंह ने यह भी बताया कि बलरामपुर जिले में कुल 7 आत्मानंद स्कूल है। इसमें किसी ने भी 82.70 प्रतिशत के साथ आवेदन प्रस्तुत नहीं किया था। 82.70 प्रतिशत होने के बावजूद इन्होंने आवेदन जमा क्यों नहीं किया ये भी जाँच का विषय है। 82.70 प्रतिशत अंक होने के बावजूद डेमो में 1.80 अंक आना अंकसूची के संदिग्ध होना प्रतीत होता है। साथ ही वाक इन इंटरव्यू में असफल होने के बावजूद चयन होना, योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय है। अमिता सिंह ने रघुनाथनगर स्कूल के भर्ती पर रोक लगाने एवं उचित कार्यवाही करने की मांग की है।
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