स्वस्थ्य विभाग पर भेदभाव का आरोप : नक्सल क्षेत्र में महिला कर्मी का स्थानांतरण, जबकि हाईकोर्ट ने आरक्षक पति के ट्रांसफर पर लगाई रोक

स्वस्थ्य विभाग पर भेदभाव का आरोप : नक्सल क्षेत्र में महिला कर्मी का स्थानांतरण, जबकि हाईकोर्ट ने आरक्षक पति के ट्रांसफर पर लगाई रोक
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नक्सल प्रभावित क्षेत्र में 6 महीने की गर्भवती महिला कर्मी का स्थानांतरण कर दिया गया है। जबकि आरक्षक पति का स्थानांतरण रोक दिया गया है। पढ़िए पूरी खबर .....

आनंद नारायण ओझा-भिलाई। स्वस्थ्य विभाग के लिए इलाज में लापरवाही और नियुक्ति से इतर सेवा आम बात है। लेकिन अब एक महिला से भेदभाव का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि स्वस्थ्य विभाग ने एक 6 महीने की गर्भवती महिला कर्मी का नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थानांतरण कर दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार, खुशबू चतुर्वेदी स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत है। वह 6 महीने की गर्भवती है, स्थानांतरण के बाद उसने यह जानकारी विभाग के सभी अधिकारियों को लिखित में दे दी थी। बावजूद इसके महिला का स्थानांतरण नक्सल प्रभावित क्षेत्र में किया गया है। जबकि आरक्षक पति के स्थानांतरण पर पर हाई कोर्ट से रोक लगा दी है। करीब 12 वर्ष तक की सेवा के बाद अब उसे राजनांदगांव स्थानांतरण कर दिया गया है।

13 साल पहले नक्सली घटना में हुई थी पिता की मौत

बता दें की लगभग 13 साल पहले ही नक्सली घटना में उसके पिता की मौत हो गई थी। पिता की मौत के एक साल बाद 2010 में महिला कर्मी को दुर्ग में अनुकंपा नियुक्ति मिली। जिसके बाद से वह दुर्ग सीएमएचओ कार्यालय के स्थापना सेक्शन में सहायक ग्रेड-3 के पद पर पदस्थ रही हैं।

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