मूणत का आरोप- नान घोटाले में भूपेश सरकार ने रचा है षड़यंत्र

रायपुर। प्रदेश के पूर्व मंत्री और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेश मूणत ने आरोप लगाया है कि नान घोटाले में प्रदेश की भूपेश सरकार ने षड़यंत्र रचा है। उनका कहना है, इसकी जानकारी एक निजी मीडिया हाउस के माध्यम से शासन-प्रशासन के लोगों के मध्य हुए वाट्स एप चैट के आधार पर सामने आई है। एकात्म परिसर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए श्री मूणत ने कहा, राजनीति में आरोप प्रत्यारोप, वैचारिक मतभेद यह सामान्य बात है, परन्तु पूरी सरकार और प्रशासन को किसी व्यक्ति, उसके परिवार और उनसे संबंधित लोगों के पीछे षड़यंत्रकारी लगा दिए जाए तो यह कहना गलत नहीं है कि यह राजनीति के इतिहास की सबसे घृणित घटना है।
श्री मूणत ने कहा, बकायदा लोगों को टारगेट करने के लिए एक हिटलिस्ट बनाई गई, बिल्कुल एक सुपारी किलर की ,तरह सभी को इस हिटलिस्ट में लिखे नामों को टार्गेट करने कहा गया। जिसने बात मान ली, उसे इनाम के तौर पर प्रमोशन मिला और जिसने बात नहीं मानी, उन्हें बकायदा जेल भेजने का काम भी किया गया।
रमन और परिवार के खिलाफ साजिश
श्री मूणत ने कहा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और उनके परिवार के विरुद्ध एक सोची-समझी साजिश के तहत नान का षड़यंत्र रचा था। सत्ता पाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन की छवि को धूमिल करने मुख्यमंत्री ने अपने भ्रष्ट अधिकारियों की फौज को झूठे सबूत जुटाने के लिए लगाया था। पिछले वर्षों में हुई जांच और उनके तथ्यों के आधार पर आज भूपेश बघेल और उसके पंजा छाप अधिकारियों की सच्चाई सभी के सामने आ चुकी है। अब यह स्पष्ट हो गया है कि भूपेश बघेल आखिर जांच एजेंसियों से इतना डरते क्यों है, क्योंकि अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने कानून का उल्लंघन करते हुए इस हद तक भ्रष्टाचार किया है कि उन्हें यह डर सताता रहता है, मानो कब, कौन-सा सच बाहर आ जाएगा। ऐसा ही कुछ भूपेश बघेल ने नान घोटाले के मामले में भी किया है।
वाट्स एप चैट से मिले साक्ष्य
श्री मूणत ने कहा, जिन भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध हमारी सरकार ने मुकदमे दायर किए, उन्हें कांग्रेस की सत्ता आते ही बड़े पदों से सम्मानित किया गया, जिसकी वजह अब जनता के सामने आ रही है कि आखिर क्यों भूपेश बघेल, अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला जैसे भ्रष्ट अधिकारियों पर इतने मेहरबान हुए हैं। इन अधिकारियों पर जब आयकर विभाग ने कार्रवाई की, तब उनके वाट्स एप चैट से ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जो साबित करते हैं कि किस तरह से भूपेश बघेल भ्रष्ट अधिकारियों के संरक्षक बनकर काम कर रहे थे, बल्कि वो षड़यंत्रकारियों के सरगना बनकर कार्य कर रहे हैं। इन अधिकारियों पर इस मेहरबानी की वजह यह थी कि इन अधिकारियों ने बीते समय में भूपेश बघेल के इशारों पर नान घोटाले में डॉ. रमन सिंह और उनके परिवार को फंसाने के लिए झूठे सबूत बनाए थे।
मुख्यमंत्री से मांगा इस्तीफा
श्री मूणत ने कहा, इस मामले में अधिकारियों द्वारा बड़े स्तर पर हवाला के जरिए लेन-देन हुआ है, अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा को भूपेश बघेल ने इतनी शक्ति प्रदान की, जिससे उन्होंने न केवल इस मामले में हो रही जांच को प्रभावित किया, बल्कि झूठे सबूतों का निर्माण भी किया और भूपेश बघेल की मेहरबानी पर इन दोनों ने उनके हर गलत कार्य में अपना पूरा समर्थन दिया है। श्री मूणत ने कहा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अब तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। मुख्यमंत्री के साथ इस षड़यंत्र में शामिल सभी अधिकारियों को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए।
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