योजनाओं के क्रियान्वयन में सुस्ती का आरोप : ग्रामीणों और पत्रकारों ने DFO के खिलाफ खोला मोर्चा

योजनाओं के क्रियान्वयन में सुस्ती का आरोप : ग्रामीणों और पत्रकारों ने DFO के खिलाफ खोला मोर्चा
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DFO के खिलाफ ग्रामीणों और पत्रकारों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। शिकायत है कि वन मंडलाधिकारी ने ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और पत्रकारों से दुर्व्यवहार किया। जानिए क्या है पूरा मामला....

कोंडागांव। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में दक्षिण वन मंडल के वन मंडलाधिकारी रमेश कुमार जांगड़े ने आमजनों के साथ दुर्व्यवहार की। जिले के पत्रकारों ने इसकी शिकायत करते हुए शुक्रवार को मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। इसके साथ ही पत्रकारों ने जिस वन मंडलाधिकारी पर आरोप लगाया है, उसे भी ज्ञापन सौंपा है।

दरअसल, वन मंडलाधिकारी रमेश कुमार जांगड़े से ग्रामीण परेशान हैं। उनका आरोप है कि अधिकारी वन अधिकार पत्र की योजनाओं के कार्यों को लेकर गंभीर नहीं हैं। जिससे शासन की योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। वहीं डीएफओ के सुस्त रवैए से शहरी आवासीय पट्टा के अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए पैसे भी मांगे जाने की बातें सामने आ रही हैं। ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों से दुर्व्यवहार की शिकायतों के साथ-साथ पत्रकारों से भी लगातार दुर्व्यवहार की शिकायतें मिल रही है। जिसका विरोध करते हुए पत्रकारों ने विधानसभा उपाध्यक्ष संतराम नेताम, कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम, विभागीय मंत्री मोहम्मद अकबर और पीसीसीएफ के नाम शिकायत पत्र सौंपा है।

सक्रिय अधिकारी को पदस्थ कराने का निवेदन

पत्रकारों ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारी ही अपने कार्य को लेकर गंभीर नहीं हैं। ऐसे में शासन की योजनाएं भी गंभीर रूप से प्रभावित हो रही हैं। साथ ही आम जनता तक सरकार की योजनाएं नहीं पहुंच पा रही हैं। ऐसे गैरजिम्मेदार अधिकारी को हटाकर सक्रिय अधिकारी को पदस्थ कराने का निवेदन किया गया है। जिससे जिले का विकास हो सके।

कार्रवाई नहीं हुई तो करेंगे आंदोलन

पत्रकारों और ग्रामीणों ने कहा है कि अगर 7 दिन के अंदर आवेदन पर कार्रवाई नहीं की गई तो जिले के पत्रकार और वन अधिकार पट्टे से वंचित ग्रामीण के सतह-साथ शहरी क्षेत्र में आवासीय पट्टे के लाभ से वंचित लोग आंदोलन करेंगे। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

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