अमरकंटक पहुंचे CM भूपेश बघेल, बोले- हमारे विधायक हर जगह सक्रिय हैं

अमरकंटक पहुंचे CM भूपेश बघेल, बोले- हमारे विधायक हर जगह सक्रिय हैं
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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, कई मंत्री और लगभग 40 विधायक आज मरवाही में एकत्र हो रहे हैं। आज वहां के विधायक के घर दशगात्र है। बताया जा रहा है कि उस दशगात्र में सभी मंत्री, विधायक एक साथ शामिल होंगें। पढ़िए पूरी खबर-

रायपुर। मध्यप्रदेश के अमरकंटक स्थित मां नर्मदा दर्शन के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बुधवार की शाम 4 बजे अमरकंटक पहुंचे। जहां नर्मदा मंदिर पहुंचकर मां नर्मदा के दर्शन एवं पूजन कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इसके बाद अमरकंटक के विभिन्न स्थानों का भ्रमण कर कल्याण आश्रम पहुंचकर बाबा कल्याण दास जी महाराज से सौजन्य भेंट की। इससे पूर्व मुख्यमंत्री रायपुर से हेलीकॉप्टर द्वारा प्रस्थान कर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय स्थित हैलीपेड पहुंचे थे, जहां जिले की कलेक्टर सोनिया मीणा, पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल, एसडीएम पुष्पराजगढ़ अभिषेक चौधरी सहित जनप्रतिनिधियों ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री आइजीएनटीयू के कुलपति से प्रो. प्रकाशमणि त्रिपाठी मुलाकात करने के कुछ देर बाद छत्तीसगढ़ राज्य अंतर्गत जालेश्वर मंदिर मार्ग स्थित पर्यटन केन्द्र राजमेरगढ के लिए प्रस्थान कर गए। वहां से लौटकर पुन: दोपहर अमरकंटक स्थित नर्मदा मंदिर पहुंचे।

जानकारी मिली है कि उधर मंत्री अमरजीत सिंह भगत के साथ छत्तीसगढ़ के 40 विधायक मरवाही में मौजूद हैं। मुख्यमंत्री समेत सभी मरवाही विधायक के घर दशगात्र कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने आज वहां मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारे विधायक हमेशा सक्रिय रहते हैं। अपने क्षेत्र के साथ-साथ उन्हें जहां भी आवश्यकता होती है, बुलाया जाता है। प्रदेश हो या अपना क्षेत्र, हमारे विधायक हमेशा सक्रिय रहते हैं।

बताया जाता है कि आइजीएनटीयू में बने हेलीपैड पर जब छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आगमन हुआ, तो कुलपति प्रो. प्रकाश मणि त्रिपाठी ने पुष्प और शॉल से स्वागत किया। इसके बाद मुख्यमंत्री से गौरेला में आइजीएनटीयू अमरकंटक की ओर से कृषि विज्ञान केंद्र खोले जाने का आग्रह किया। साथ ही पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन के पास विश्वविद्यालय का एक गेस्ट हाउस बनाने के लिए भूमि आवंटित करने प्रस्ताव दिया। साथ ही विश्वविद्यालय से लेकर पेंड्रा रोड तक सडक़ के जीर्णोद्धार तथा दोहरीकरण की अपील की। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जंगल बचाने के लिए फलदार वृक्षों को लगाया जाए, जिससे आदिवासियों की आय में वृद्धि होगी। पर्यावरण का संरक्षण हो सकेगा। साथ ही त्रिकूट की खेती, आम से निर्मित अमचूर के उत्पादन तथा चिरौंजी की उपज के प्रसंस्करण पर विचार विमर्श किया। ग्रामीणों को इसके संग्रहण में वैज्ञानिक पद्धति से शिक्षित एवं प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। कुलपति द्वारा जनजातियों के लिए चलाए जा रही कल्याणकारी परियोजनाओं की जानकारी प्रदान की।

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