शिक्षक को बुढ़ापे में हुई जेल, कोर्ट के आदेश के बावजूद भरण-पोषण न देने पर पुलिस की कार्रवाई

बिलासपुर। बिलासपुर में रिटायर्ड शिक्षक ने फैमिली कोर्ट के आदेश पर अपनी पत्नी व बेटी को भरण पोषण की राशि नहीं दी। इस पर कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। इसके बाद भी कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां उन्होंने राशि देने से इंकार कर दिया। इस पर कोर्ट ने उन्हें एक माह के लिए जेल भेज दिया है। मामला तखतपुर थाने का है।
तखतपुर में पुराना थाना के पास रहने वाली भजन कौर के पति अमरजीत सिंह शिक्षक थे। उनके दो बेटे व एक बेटी हैं। 10-15 साल से उनके शिक्षक पति उन्हें प्रताड़ित कर मारपीट करते थे और बच्चों के साथ भी आए दिन मारपीट करते थे। पति से तंग आकर वह अलग रहने लगी। वहीं शिक्षक पति अमरजीत सिंह सेमारपारा में रहने लगे। इस दौरान उन्होंने भरण पोषण के लिए फैमिली कोर्ट में धारा 125 के तहत परिवाद दायर कर दिया। साल 2017 में फेमिली कोर्ट ने शिक्षक को आदेशित किया कि अपनी पत्नी बेटी को 5-5 हजार रुपए के साथ ही नाबालिग बेटे को 5 हजार रुपये प्रतिमाह भरण पोषण का भुगतान करें। कोर्ट के आदेश पर शिक्षक पत्नी व बच्चों को हर माह 15 हजार रुपए देते रहे। इस बीच शिक्षक जुलाई 2019 में 62 साल की आयु पूर्ण करने पर रिटायर हो गए। इसके बाद से उन्होंने अपनी पत्नी व बच्चों को भरण पोषण राशि देना बंद कर दिया। इधर, राशि नहीं मिलने पर पत्नी व बेटी ने कोर्ट में दोबारा आवेदन प्रस्तुत की। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तीन-चार बार उन्हें नोटिस जारी किया। लेकिन, रिटायर्ड शिक्षक कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रहे थे। इस पर उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। फिर भी वारंट की तामिल नहीं हो पा रही थी। बुधवार को पत्नी व बच्चे पुलिस लेकर उसके घर तक पहुंच गए। जहां रिटायर्ड शिक्षक अमरजीत सिंह अपने घर में मिला। लिहाजा, पुलिस उसे गिरफ्तार कर ले आई। गुरुवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान शिक्षक ने भरण पोषण राशि देने से मना कर दिया। लिहाजा, कोर्ट ने उन्हें एक माह के लिए जेल भेजने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश पर उन्हें जेल भेज दिया गया है।
कोर्ट ने रिटायर्ड शिक्षक से भरण पोषण राशि नहीं देने का कारण पूछा, तब उन्होंने रिटायरमेंट के बाद पेंशन की राशि नहीं मिलने का बहाना बनाया। इस पर पत्नी व बच्चों ने ग्रेच्युटी सहित अन्य देयक के रूप में 20 लाख रुपए मिलने की बात कही। साथ ही उन्होंने कोर्ट के समक्ष 7 लाख रुपए भुगतान होने संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत किया। आखिरकार शिक्षक अपनी पत्नी व बेटी को भरण पोषण देने के लिए तैयार नहीं हुआ।
शिक्षक के रिटायर होने से पहले ही उनका एक बेटा बालिग हो गया। जब तक वह नाबालिग था, तब तक 5 हजार रुपए भरण पोषण दे रहे थे। साल 2018 में बेटे के बालिग होने के बाद भरण पोषण की मासिक राशि 15 हजार रुपए से कम कर 10 हजार रुपए कर दिया गया था। इसके बाद भी शिक्षक राशि देने के लिए राजी नहीं हुआ।
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