री-एजेंट किट की किल्लत, आंबेडकर अस्पताल के टेस्ट अब हमर लैंब में होंगे

रायपुर: री-एजेंट किट की समस्या दूर नहीं होने तक आंबेडकर अस्पताल के मरीजों की जांच अब हमर लैब में की जाएगी। इसके साथ ही पोस्ट्मार्टम रिपोर्ट की लेटलतीफी दूर करने फोरेंसिक विभाग में भर्ती की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में हुई स्वशासी समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया है।
आंबेडकर अस्पताल में री-एजेंट किट की कमी अब तक दूर नहीं हो पाई है इसकी वजह से यहां कई तरह की जांच नहीं होने के कारण मरीजों को मायूस होना पड़ रहा है। स्वशासी समिति की बैठक में इसके लिए हमर लैब का दूसरा रास्ता निकाला गया है। यानी आंबेडकर अस्पताल में री-एजेंटस किट की समस्या दूर होने तक टेस्ट हमर लैब में किया जाएगा। सैंपलों की जांच में सहायता के लिए वहां डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल के लैब तकनीशियन भेजे जाएंगे।
अस्पताल में कई तरह के हार्मोन की जांच नहीं होने से मरीजों के इलाज में दिक्कत आ रही है। री-एजेंट किट की सप्लाई की जिम्मेदारी सीजीएमएससी के पास है, मगर वहां से डिमांड पूरी नहीं हो पा रही है। इसी तरह स्वशासी समिति की बैठक में पोस्टमार्टम की रिपोर्ट देर से मिलने वाले परिजनों की पीड़ा को दूर करने और रिपोर्ट तैयार करने के काम में तेजी लाने के लिए फोरेंसिक विभाग में लिपिकीय स्टॉफ और कम्प्यूटर्स की संख्या बढ़ाने की मंजूरी दी गई। सामान्य परिषद की बैठक में संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव प्रसन्ना आर., संभागायुक्त यशवंत कुमार सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।00 फिजिशियन असिस्टेंट का अस्थायी इंतजाम
बैठक में कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग में सर्जरी के लिए फिजिशियन असिस्टेंट की नियमित भर्ती नहीं होने का मामला भी सामने आया, जिस पर अस्थायी व्यवस्था करने के निर्देश दिए। मेडिकल छात्र-छात्राओं के लिए छात्रावास की वैकल्पिक व्यवस्था पर भी चर्चा की गई। वहां फायर फाइटिंग सिस्टम की स्थापना, अस्पताल में कार्यरत स्टॉफ के बच्चों के लिए झूलाघर और तीनों पालियों में इसके संचालन के लिए स्टॉफ की नियुक्ति करने कहा गया।
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