वेरीफिकेशन के लिए नहीं भेजी एंबुलेंस, 55 बड़े अस्पतालों को नोटिस, रजिस्ट्रेशन होगा रद्द

राजधानी में मरीजों की जान बचाने सड़कों पर दौड़ रही एंबुलेंस का वेरीफिकेशन कराने से परहेज करने वाले 61 बड़े निजी अस्पतालों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि जिन अस्पतालों द्वारा एंबुलेंस की जांच नहीं कराई गई है उनको आरटीओ द्वारा नोटिस भेजा गया है। अब भी जिन एंबुलेंस की जांच नहीं कराई गई है उनका रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जाएगा।
इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इनमें शहर के 10 बड़े निजी अस्पतालों के नाम शामिल हैं। दरअसल परिवहन और पुलिस विभाग द्वारा रिजर्व पुलिस लाइंस के परेड ग्राउंड में एंबुलेंस की जांच करने शिविर लगाया गया था। इसमें सिर्फ 89 एंबुलेंस ही जांच कराने पहुंची थीं जबकि करीब 300 से अधिक निजी अस्पतालों की एंबुलेंस जांच में नहीं पहुंचीं। अब परिवहन विभाग द्वारा रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
इन पर होगी कार्रवाई
अफसरों के मुताबिक शहरभर के जिन बड़े निजी अस्पतालों के एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जाएगा उनमें रामकृष्ण हाॅस्पिटल, बालाजी हॉस्पिटल, एमएमआई हॉस्पिटल, श्रीनारायणा हॉस्पिटल, सुयश हॉस्पिटल, ओम हॉस्पिटल, जगन्नाथ हॉस्पिटल, श्रेयांस हॉस्पिटल, आरोग्य हॉस्पिटल, हेरिटेज हॉस्पिटल, मेडिशाइन हॉस्पिटल का नाम शामिल हैं। इसके अलावा भी करीब 48 निजी हॉस्पिटल हैं जिन्हें नोटिस भेजा गया है और अब एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जाएगा।
सरकारी अस्पतालों पर भी चलेगा डंडा
अफसरों के मुताबिक सरकारी हास्पिटल में संचालित एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन कैंसिल होगा। इसमें जिला अस्पताल, आंबेडकर अस्पताल, एम्स, संजीवनी एक्सप्रेस 108, महतारी एक्सप्रेस 102 एंबुलेंस की भी जांच नहीं कराई गई है। इन्हें भी नोटिस भेजने के साथ ही रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जाएगा।
जिलेभर में इतनी एंबुलेंस
अफसरों के मुताबिक रायपुर जिलेभर में कुल करीब 900 एंबुलेंस संचालित हैं। इनमें सरकारी सेवाओं से जुड़ीं करीब 500 एंबुलेंस हैं। 400 प्राइवेट अस्पतालों की हैं। इनमें करीब 200 एंबुलेंस रायपुर के बड़े अस्पतालों में संचालित हैं। बड़े अस्पतालों से एक भी एंबुलेंस जांच कराने नहीं पहुंची।
इसलिए कराई जा रही है जांच
अफसरों के मुताबिक कोविड-19 संक्रमण के दौरान मरीजों को उनके निवास से अस्पताल तक पहुंचाया जाता रहा है लेकिन अधिकांश एंबुलेंस द्वारा ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड-125 का पालन नहीं किया जा रहा है। अधिकांश सामान्य एंबुलेंस से ही गंभीर मरीजों को भी लाने और ले जाने का काम किया जा रहा है इसलिए एंबुलेंस की जांच कराई गई थी।
एंबुलेंस में ये सुविधाएं जरूरी
मेडिकल फर्स्ट रिस्पांसर- ऐसी एंबुलेंस में सिर्फ आपातकालीन प्राथमिक उपचार की सुविधा रहती है। इसमें बाइक, ऑटो रिक्शा और चारपहिया वाहन शामिल हैं। इसमें प्रथम उपचार किट रहती है।
पेशेंट ट्रांसपोर्ट वाहन- ऐसी एंबुलेंस में किसी भी प्रकार की आपातकालीन सुविधा नहीं होती। सिर्फ सामान्य मरीजों के लाने-ले जाने में इसका उपयोग किया जाता है।
बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस- ऐसी एंबुलेंस में आपातकालीन मरीजों के लिए वेंटिलेटर से लेकर चिकित्सक तक तमाम सुविधाएं रहती हैं।
एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस- ऐसी एंबुलेंस में वेंटिलेटर, चिकित्सक के साथ ही मरीजों की गहन निगरानी व परिवहन की सुविधा रहती है।
पंजीयन करेंगे रद्द
जिन अस्पतालों द्वारा अपनी एंबुलेंस की जांच नहीं कराई गई है। उन्हें नोटिस भेजने के साथ ही एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
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