जाति विवाद पर बोले अमित जोगी- 'हाईकोर्ट से मिलेगा न्याय, हमें पूरा भरोसा है'

बिलासपुर। जेसीसीजे प्रदेशाध्यक्ष अमित जोगी का ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने पर बड़ा बयान सामने आया है- 'अगर हमारी जाति आदिवासी नहीं है तो आखिर क्या है...? हम क्या मंगल ग्रह से आएं है.. इससे पहले भी पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मेरे पिताजी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया था, उसे कोर्ट ने बहाल किया और अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मेरा व पत्नी ऋचा का रिजेक्ट कर रहें है.. हाईकोर्ट से हमें मिलेगा न्याय.. कोर्ट पर हमें पूरा भरोसा है
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की बहू एवं अमित जोगी की धर्मपत्नी ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र को उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने रद्द कर दिया है। समिति ने उनकी वंशावली देखने, संपत्ति अभिलेख और पूर्वजों के गांववालों के बयानों का जिक्र करते हुए कहा है कि ऋचा के गोंड आदिवासी होने का सबूत नहीं मिला है। उनके पिता प्रवीण राज के शासकीय सेवा अभिलेख में क्रिश्चियन लिखा है और वे सामान्य जाति वर्ग से सेवारत थे। लंबी पड़ताल के बाद उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने ऋचा का जाति प्रमाण पत्र रद्द करने का आदेश जारी कर दिया। साथ ही कार्यवाही की अनुशंसा भी की है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में अमित जोगी के जाति प्रमाण पत्र को भी समिति ने निरस्त कर दिया था और उन्हें मरवाही चुनाव से हटना पड़ा था। उसी दौरान संतकुमार नेताम की शिकायत के आधार पर ऋचा के गोंड आदिवासी जाति प्रमाण पत्र को निलंबित किया गया था। प्रकरण को रायपुर उच्च स्तरीय छानबीन समिति को प्रेषित किया गया। उच्चस्तरीय छानबीन समिति ने इस मामले में विजलेंस सेल की रिपोर्ट, गवाहों के कथन तथा दस्तावेजों के परीक्षण तथा विस्तृत विवेचना के आधार पर सामाजिक परिस्थितिक को उनके गोंड होने के दावे के खिलाफ माना। समिति ने कहा है कि ऋचा जोगी अपनी जाति साबित नहीं कर पाईं। उन्हें पर्याप्त अवसर भी दिए गए। इसके साथ ही ऋचा के पिता प्रवीण राज साधु शासकीय सेवा में कार्यरत थे, जिसमें उनके सेवा अभिलेख में क्रिश्चियन लिखा हुआ है। साथ ही प्रवीण के सर्विस रिकार्ड में उनके सामान्य वर्ग के शासकीय सेवक होने की बात का उल्लेख है। इस आधार पर ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र को छानबीन समिति ने निरस्त करने का आदेश जारी किया है।
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