सीमेंट संयंत्र के खिलाफ सुलग रहा गुस्सा : अल्ट्राटेक और डालमिया ग्रुप की चालाकियों से किसानों में आक्रोश, बड़े आंदोलन की है तैयारी...

सीमेंट संयंत्र के खिलाफ सुलग रहा गुस्सा : अल्ट्राटेक और डालमिया ग्रुप की चालाकियों से किसानों में आक्रोश, बड़े आंदोलन की है तैयारी...
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खरोरा तहसील के नगर पंचायत खरोरा में ही अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी की माइंस के लिए लगातार जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है। साथ ही लाइम स्टोन पत्थर के लिए खनन का काम भी शुरू हो चुका है। वहीं खरोरा के किसानों ने अल्ट्राटेक प्रबंधन पर गाइडलाइन के विपरीत जमीन अधिग्रहण का आरोप लगाते हुए अलग-अलग किसानों से अलग-अलग दर पर उनकी खेती जमीन खरीदने का आरोप लगा रही है। पढ़िए पूरी खबर....

भरत कुंभकार/खरोरा। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर जिले के नगर पंचायत खरोरा और इससे लगे केसला बरडीह नहरडीह में अल्ट्राटेक और डालमिया ग्रुप की सीमेंट फैक्ट्री आ रही है। इसके लिए जमीन का अधिग्रहण जोर-शोर से जारी है। अल्ट्राटेक ने लाइमस्टोन पत्थर के लिए खनन जारी भी कर दिया है। इसमें भारी अनियमितता की शिकायत किसान कर रहे हैं। वहीं इन दोनों कंपनियों की ओर से सरकारी गाइडलाइन की अनदेखी कर किसानों से जमीनों की खरीदी कर रहे हैं, जिसे लेकर किसान और किसान नेता बड़े आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं।

किसानों से अलग-अलग दर पर खरीदी जा रही जमीन

दरअसल खरोरा तहसील के नगर पंचायत खरोरा में ही अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी की माइंस के लिए लगातार जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है। साथ ही लाइम स्टोन पत्थर के लिए खनन का काम भी शुरू हो चुका है। वहीं खरोरा के किसानों ने अल्ट्राटेक प्रबंधन पर गाइडलाइन के विपरीत जमीन अधिग्रहण का आरोप लगाते हुए अलग-अलग किसानों से अलग-अलग दर पर उनकी खेती जमीन खरीदने का आरोप लगा रही है। किसानों का कहना है कि अल्ट्राटेक प्रबंधन लगातार किसानों के अहित में काम कर रही है, जिसे लेकर किसान नेता बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।

रजिस्ट्री में ठगी का आरोप

जिन किसानों से खेती जमीनों की खरीदी की गई है, उनके साथ रजिस्ट्री में ठगी का आरोप भी किसान लगा रहे हैं। जिस जमीन पर हरे भरे पेड़ थे, उन्हें वृक्ष मुक्त जमीन बताकर रजिस्ट्री की गई है और प्रबंधन की ओर से उस जमीन पर उगे सारे पेड़ बिना किसी राजस्व एवं वन विभाग के अनुमति के काट दिया गया है, जो पूरी तरह से एनजीटी के नियमों का उल्लंघन है। नगर पंचायत के अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी इस बात का विरोध कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कंपनी प्रबंधन का कोई भी जिम्मेदार जवाब देने के लिए आगे नहीं आ रहा है। ऐसे में प्रभावित किसान और नगर पंचायत के जनप्रतिनिधि नाराज है। जनप्रतिनिधियों का कहना है कि नियमित खनन के पहले प्रबंधन को पेड़ लगाने थे, लेकिन पेड़ लगाना तो दूर उल्टा हजारों पेड़ काट दिए गए हैं।

किसानों को भ्रमित कर जमीनों की खरीदी

जानकारों की माने तो कंपनी की ओर से नियुक्त एजेंसियां किसानों को भ्रमित कर खेती जमीनों की खरीदी कर रहे हैं। उनकी ओर से ना तो गाइडलाइन के नियम बताए जा रहे हैं और ना ही नियम के अनुसार खरीदी की जा रही है। ऐसे में प्रभावित किसान एकमत होकर अल्ट्राटेक प्रबंधन से बात करने का मन बनाए हैं। अब देखना होगा कि जिस मल्टीनेशनल कंपनी ने नियम कायदों को ताक में रखकर मनमाने तरीके से नगर क्षेत्र में खुदाई शुरू कर दी है, उनसे यह किसान किस हद तक न्याय की लड़ाई लड़ पाते हैं। देखिए वीडियो-



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