वार्ता पर एक और पहल : नक्सलियों ने कहा-हमने कोई शर्त नहीं रखी, केवल चर्चा का माहौल बनाने के लिए कहा है...

बीजापुर। बस्तर को दशकों से अशांत कर रखे नक्सलियों ने हाल ही में राज्य सरकार से बातचीत की इच्छा जताते हुए कुछ शर्तें रखी थीं। उनकी पहल पर राज्य सरकार ने भी अपना पक्ष रखा था। अब एक बार फिर से शांति वार्ता को लेकर नक्सली प्रवक्ता नेता विकल्प ने कहा है कि वार्ता के मामले में हमारे बयान में उठाए गए मुद्दों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा कुछ ना कहना और यही रटना कि भारत के संविधान पर विश्वास प्रकट करने पर ही किसी भी मंच पर बातचीत के लिए तैयार हैं, सरकार के अड़ियल रवैए को दर्शाता है।
विकल्प ने कहा है कि हम यही स्पष्ट करना चाहते हैं कि अनुकूल वातावरण में ही वार्ता हो सकती है जो सरकार पर निर्भर है। छत्तीसगढ़ सरकार के गृह मंत्री ने निशर्त वार्ता की बात की, हवाई हमले, बमबारी, घेराव, दमन और मुठभेड़ में फंसने से बच निकलने नहीं देने की मुख्यमंत्री एवं पुलिस अधिकारियों की धमकियों के बीच निशर्त वार्ता कैसे संभव हो सकती है। शांति वार्ता को लेकर माओवादी नेता ने कहा-- सरकार यदि बातचीत के लिए ईमानदार है तो हमारे लिए अनुकूल वातावरण निर्मित करे, हमने कोई पूर्व शर्त नहीं रखी, केवल वार्ता के लिए माहौल बनाने के तहत ही पाबंदी हटाने, कैंपों को हटाकर फोर्स को वापस भेजने और वार्ता करने के लिए जेल में बंद नेताओं को रिहा करने की बात ही सामने रखी है। वार्ता तो किसी भी मंच पर हो सकती है और जब वार्ता होगी तब असली मुद्दे और समस्याओं के बारे में भी चर्चा होगी। बहरहाल अब देखना होगा कि नक्सलियों की ओर से वार्ता को लेकर की गई एक और पहल पर राज्य सरकार का क्या जवाब होगा।
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