गर्भवती की कोर्ट से गुहार : वह शादी का झांसा देकर करता रहा दुष्कर्म, मैं गर्भवती हुई तो छोड़ गया... दीजिए गर्भपात की इजाजत

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाईकोर्ट में एक दुष्कर्म पीड़िता गर्भवती युवती ने अबॉर्शन की अनुमति मांगी है। पीड़िता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है कि वह बिन ब्याही मां नहीं बनना चाहती। याचिका पर हाईकोर्ट के जस्टिस पी सेम कोशी की अदालत ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) को विशेष डॉक्टरों की टीम बनाकर जांच कराने और मेडिकल रिपोर्ट सौंपने को कहा है। मामला महासमुंद जिले का है।
दरअसल हाईकोर्ट में दायर याचिका में युवती ने बताया कि बसना थाना क्षेत्र में रहने वाले गुणसागर पसायत ने उसे प्यार के जाल में फंसाकर शादी करने का विश्वास दिलाया और दुष्कर्म करने लगा। इसके बाद जब युवती गर्भवती हुई तो युवक ने उसे धोखा दे दिया और शादी से मुकर गया। इस पर पीड़िता ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने उसकी रिपोर्ट पर 23 मई को आरोपी युवक के खिलाफ दुष्कर्म के साथ ही एट्रोसिटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया। दुष्कर्म पीड़िता युवती ने अबॉर्शन कराने के लिए अस्पताल गई तो डॉक्टरों ने नियमों का हवाला देकर गर्भपात करने से इंकार कर दिया गया। याचिकाकर्ता युवती ने कोर्ट से आग्रह किया है कि वह बिन ब्याही मां बनना नहीं चाहती। इसलिए अबॉर्शन कराना चाहती है। याचिका में कानूनी तर्कों के साथ ही हाईकोर्ट के आदेश का हवाला भी दिया गया है। युवती का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि अबॉर्शन के पहले गर्भ की डॉक्टर जांच करेंगे। कोर्ट ने युवती को 30 जून को महासमुंद के सीएमएचओ के पास जाने का आदेश दिया है। साथ ही सीएमएचओ को निर्देशित किया है कि वे विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम बनाकर युवती की जांच कराएं और 4 जुलाई को रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
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