पीएम से मिली सराहना : नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में मोदी ने छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना को सराहा

पीएम से मिली सराहना : नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में मोदी ने छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना को सराहा
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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 20 हजार से कम आबादी वाले शहरों में मनरेगा लागू करने का सुझाव दिया। उन्होंने राज्यहित से जुड़ी विभिन्न योजनाओं और विषयों पर अपनी बात रखी। पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की सातवीं बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बैठक से संबन्धित एजेंडे के अतिरिक्त राज्यहित से जुड़ी विभिन्न योजनाओं और विषयों पर अपनी बात रखी। वहीं, बैठक में प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना का जिक्र भी किया।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री ने विशेषकर गोधन न्याय योजना का जिक्र करते हुए कहा कि, गोबर से तैयार हो रहा वर्मी कम्पोस्ट खेतों की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक है। उन्होंने कहा कि, यह किसानों के हित में अच्छी योजना है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पिछले साढ़े तीन वर्षों में नीति आयोग ने प्रदेश के आकांक्षी जिलों के बेहतर प्रदर्शन की सराहना की है। लेकिन राज्य में संसाधनों की समस्याएँ अभी भी हैं, जिनका समाधान होना चाहिए। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ अनाज उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर है। फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना लागू करने के साथ ही छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन का गठन किया गया है। श्री बघेल ने सुझाव दिया कि फसल विविधीकरण एवं दलहल, तिलहन की उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए नवीन विकसित फसल क़िस्मों के निशुल्क बीज मिनी किट एवं ब्रीडर सीड बड़े पैमाने पर कृषि अनुसंधान संस्थानों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

20 हजार से कम आबादी के शहरों में मनरेगा लागू हो

नगरीय प्रशासन पर चर्चा करते हुए श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने लगातार तीन वर्षों से राज्य स्वच्छ सर्वेक्षण में बाजी मारी है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में बेहतर कार्य किए गए हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि शहरों के निकट स्थित ग्रामीण क्षेत्रों एवं 20 हजार से कम आबादी के शहरों में मनरेगा लागू की जाये।

जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान पांच और साल तक लागू रखने की मांग

इसके अलावा उन्होंने बैठक में जीएसटी क्षतिपूर्ति का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि जीएसटी कर प्रणाली से राज्यों को राजस्व की हानि हुई है, आगामी वर्ष में राज्य को लगभग 5,000 करोड़ के राजस्व की हानि की भरपाई की व्यवस्था केंद्र द्वारा नहीं की गई है, इसलिए जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान को जून 2022 के पश्चात भी आगामी 5 वर्षों के लिए जारी रखा जाये। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विगत 3 वर्षों के केन्द्रीय बजट में छतीसगढ़ को केन्द्रीय करों में हिस्से की राशि 13,089 करोड़ कम प्राप्त हुए हैं। जिससे राज्य के संसाधनों पर अत्यधिक दबाव की स्थिति निर्मित हुई है। केन्द्रीय करों के हिस्से की राशि पूर्णतः राज्य को दी जाये।

केंद्र से कोयले की जमा राशि मांगी

श्री बघेल ने कोल ब्लॉक कंपनियों से कोल उत्खनन पर 295 रुपये प्रति टन के मान से केंद्र के पास जमा राशि 4,140 करोड़ छत्तीसगढ़ को शीघ्र देने की मांग की। उन्होने कहा कि राज्य का लगभग 65 प्रतिशत खनिज राजस्व का स्रोत प्रदेश में संचालित लौह अयस्क खानें है। रॉयल्टी दरों में संशोधन राज्य के वित्तीय हित आवश्यक है। श्री बघेल ने कोयला एवं अन्य मुख्य खनिजों की रॉयल्टी की दरों में संशोधन का अनुरोध किया।

आंतरिक सुरक्षा पर व्यय केंद्र वहन करे

श्री बघेल ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा पर होने वाला व्यय केंद्र शासन द्वारा वहन किया जाना चाहिए। नक्सल उन्मूलन के लिए राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती पर हुई सुरक्षा व्यय 11 हजार 828 करोड़ रुपये को केंद्र सरकार द्वारा वहन करते हुये राज्य को इस बकाया से मुक्त किया जाए।

सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए वन संरक्षण अधिनियम में छूट मिले

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के वनांचल 10 आकांक्षी जिलों में 5 मेगावाट तक के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना में वन संरक्षण अधिनियम के तहत छूट देने का भी आग्रह किया है। इसके साथ ही उन्होने नवीन पेंशन योजना में जमा राशि की वापसी, जूट बारदाने की उपलब्धता सुनिश्चित करने सहित अन्य लंबित मांगों पर शीघ्र कार्रवाई का अनुरोध किया।


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