बिना रोस्टर नियम का पालन किए प्रमोशन, राज्यपाल से शिकायत

रायपुर: छत्तीसगढ़ में आरक्षण संशोधन विधेयक की मंजूरी का मामला अधूरा है। इस बीच यह बात सामने आ रही है कि राज्य सरकार कई विभागों में बिना रोस्टर नियम का पालन किए, पदोन्नति देने का कार्य कर रही है। राज्यपाल अनुसुईया उइके से इस मामले की शिकायत की गई है।
प्रतिनिधिमंडलों ने की मुलाकात
राज्यपालअनुसुईया उइके से राजभवन में प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज एवं गवर्नमेंट एंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ के संयुक्त प्रतिनिधिमण्डल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों ने राज्यपाल से कहा कि राज्य सरकार कई विभागों में बिना रोस्टर नियम का पालन किए, पदोन्नति देने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आरक्षण नियम का पालन नहीं करने से अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के हित प्रभावित हो रहे हैं।
एससी के लिए 16, एसटी के लिए 32 प्रतिशत आरक्षण मांगा
इस प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से अनुरोध किया, वे राज्य शासन को निर्देशित करें कि संवैधानिक प्रावधान एवं जनसंख्या के आधार पर एससी को 16 प्रतिशत आरक्षण और एसटी (अनुसूचित जनजाति) को 32 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करें। सभी जातियों के हितों को देखते हुए आरक्षण विधेयक लाने के लिए निर्देशित करें।
नहीं मिल रहा है आरक्षण का लाभ
प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज के प्रतिनिधिमण्डल ने राज्यपाल से कहा कि आरक्षण के अभाव में छत्तीसगढ़ के विभिन्न समुदायों को उनके आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने राज्यपाल से कहा कि संविधान में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए जनसंख्या को आधार बनाने का कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत के आरक्षण के नियमों को भी सरकार अनदेखा कर रही है। इस संबंध में राज्यपाल ने प्रतिनिधियों से कहा कि वे इस आशय से विधिसम्मत प्रयास करेंगी।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS