दारूबाज अधीक्षक की मनमानी : परेशान आदिवासी छात्र पहुंचे कलेक्टर के पास, बोले- न खाना देते हैं और न ही तेल-साबुन, सिर्फ गालियां देते हैं

दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा जिले के एक नक्सल प्रभावित गांव के आश्रम में अधीक्षक अपनी मनमानी कर रहा है। अधीक्षक के बर्ताव से आदिवासी छात्र और ग्रामीण परेशान है। बच्चों का आरोप है कि अधीक्षक शराब पीकर आश्रम में आते हैं। खाना मांगने पर समय से नहीं देते हैं और न ही साबुन, तेल जैसी जरूरतें पूरी करते हैं। यदि खाना मिलता भी है तो सिर्फ दाल और चावल दिया जाता है। उसे भी पेट भर नहीं खिलाते हैं। इतना ही नहीं दारू पीकर अधीक्षक गालियां भी देते हैं। अब बच्चों और ग्रामीणों ने इसकी शिकायत दंतेवाड़ा कलेक्टर विनीत नंदनवार और सहायक आयुक्त से की है। मामला कटेकल्याण ब्लॉक के नक्सल प्रभावित गांव गुड़से के आश्रम शाला का है।
100 सीटर आश्रम में अब सिर्फ 30 बच्चे
मिली जानकारी के अनुसार गांव गुड़से में स्थित 100 सीटर आश्रम शाला का शुभारंभ साल 2013-14 में किया गया था। वर्तमान में इस आश्रम में सिर्फ 30 बच्चे रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। ग्रामीणों और बच्चों का कहना है कि आश्रम अधीक्षक धीरज कुमार नाग का रवैया सही नहीं रहता। इसलिए कई बच्चे या तो पढ़ाई छोड़ रहे हैं या फिर घर जाने के बाद दोबारा आश्रम नहीं आ रहे। यदि गांव के ग्रामीण अधीक्षक के इस रवैया का विरोध करते हैं तो उनके साथ भी बुरा बर्ताव किया जाता है।
अधीक्षक को हटाने की मांग
अब ग्रामीण अधीक्षक का विरोध करते हुए सभी कलेक्टर और सहायक आयुक्त से मिलने जिला मुख्यालय पहुंचे। ग्रामीणों और बच्चों ने कलेक्टर से आश्रम अधीक्षक को हटाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए अधीक्षक धीरज कुमार नाग को हटाया जाए। इनकी जगह किसी दूसरे अधीक्षक की नियुक्ति की जाए। वहीं इस मामले में दंतेवाड़ा के सहायक आयुक्त आनंदजी सिंह ने कहा कि शिकायत मिली है। मामले की जांच की जा रही है।
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