CG News मनमानी भर्ती : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका भर्ती में मनमानी, महिला एवं बाल विकास विभाग पर उठे सवाल

सैयद वाजिद-मुंगेली। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में आंगनबाड़ी के विभिन्न पदों पर भर्तियां निकाली गई हैं। अभ्यर्थियों द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग पर अपने चहेतों को पैसे लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के पदों पर नौकरी देने के आरोप लगाए जा रहे हैं। इस अनियमितता की कलेक्टर से शिकायतें भी की गई हैं।
जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के पद पर जिले के अलग-अलग परियोजना एवं अलग-अलग पदों पर भर्तियां जारी हैं। लोगों की शिकायत है कि, परियोजना के सेक्टरों में अलग-अलग भर्ती प्रकिया नियम बनाए गए हैं, जिसके चलते अभ्यर्थी असमंजस में तो हैं ही, कई पात्र अभ्यर्थी विज्ञापन भर्ती में स्पष्ट नियम नहीं होने की वजह से वंचित हो रहे हैं और अपात्र अभ्यर्थी का चयन किया जा रहा है। भर्ती प्रक्रिया में अलग-अलग नियम बनाए जाने से अभ्यर्थियों के द्वारा शिकायत का रूख अपनाया जा रहा है और आरोप महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों पर नियमों को ताक में रखकर अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के आरोप लग रहे हैं। यही वजह है कि शिकायतकर्ताओं के द्वारा कलेक्टर को लिखित में शिकायत कर भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने, नियमो में एकरूपता लाने, गलत तरीके से की गई भर्ती को निरस्त किये जाने की मांग की जा रही है।
पहले चयनित किया बाद में निकाला
इस पूरे मामले में लोरमी निवासी सुभाषा साहू कलेक्टर के समक्ष लिखित में शिकायत दर्ज करा चुकी हैं। बातचीत में उन्होंने बताया कि, मेरे द्वारा ग्राम साल्हेघोरी में आंगनबाड़ी केंद्र -1 में आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर आवेदन किया था। मुझे परित्यक्ता प्रमाण पत्र का 15 अंक प्रदान किया गया था। इसको लेकर चयन समिति के द्वारा अनुमोदन भी किया जा चुका था, परंतु विभाग के अधिकारियों और चयन समिति ने दोबारा अनुमोदन कर किसी दूसरे अभ्यर्थी का चयन कर दिया।
फर्जी परित्यक्ता प्रमाण पत्र के दम पर हुआ सलेक्शन
दूसरा मामला लोरमी तहसील का है, जहां पैजनिया निवासी सुमन देवी ने कलेक्टर से शिकायत दर्ज कराई है कि, उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र पैजनिया में आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर आवेदन किया था। गांव के ही ऋतु साहू ने भी इस पद हेतु आवेदन किया था जिसमें उन्हें परित्यक्ता प्रमाण पत्र के नाम पर 15 अंक प्रदान किया गया है। सूचना के अधिकार के तहत जब मैंने ऋतु साहू की दस्तावेज निकाले तो पता चला कि, उनके द्वारा लगाए गए परित्यक्ता प्रमाण पत्र न सत्यापित है और न प्रमाणित है। इसके बावजूद चयन समिति द्वारा ऋतु साहू को फर्जी परित्यक्ता प्रमाण पत्र के आधार पर 15 अंक प्रदान किया गया है और उनका चयन कर दिया गया है। जिससे वह (शिकायत कर्ता) पात्र होते हुए भी भर्ती प्रकिया में चयनित नही हो सकी है।
शिकायतकर्ताओं का आरोप
शिकायतकर्ताओं के द्वारा विभागीय अधिकारियों पर नियमों में फेरबदल कर पैसे लेकर चहेते अभ्यर्थियों को लाभ पहुंचा कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के पद पर चयन करने का आरोप लगाया गया है. शिकायतकर्ताओं का कहना है कि, कलेक्टर से लिखित में शिकायत के बावजूद आज तक दोषी अधिकारियों पर ना कोई कार्यवाही की गयी है और ना ही भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लायी गयी है। ना ही गलत तरीके से किए गए भर्ती को रद्द किया गया है जिसके चलते पात्र अभ्यर्थी वंचित हो जा रहे हैं। जिससे नाराज अभ्यर्थी अब हाईकोर्ट में जाने की तैयारी में है।
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