प्रख्यात नर्तक, कलाकार पंडित बिरजू महाराज को कला साधकों ने दी श्रद्धांजली…

खैरागढ़ (राजनांदगाव)। कत्थक के पर्याय दिवंगत पंडित बिरजू महाराज को आज इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के द्वारा श्रद्धांजलि दी गयी है। ये श्रद्धांजलि कुलपति पद्मश्री ममता (मोक्षदा) चंद्राकर, कुलसचिव प्रो आईडी तिवारी, पूर्व कुलपति डॉ. मांडवी सिंह समेत पूरे विश्वविद्यालय परिवार की उपस्थिति में महाराज जी के प्रति शोक प्रस्ताव का वाचन किया गया।
शोक प्रस्ताव का वाचन कुलसचिव प्रो. आईडी तिवारी के द्वारा किया गया। शोक प्रस्ताव का वाचन करते हुए कुलसचिव ने कहा कि 1998 में 60 वर्ष की आयु में वहाँ से सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्ति के उपरान्त आपने कलाश्रम नामक संस्था खोलकर कथक के अलावा वाद्य संगीत, योग पेंटिंग,संस्कृत नाटक, मंच कला में प्रषिक्षण देना शुरू किया।
महाराज जी ने सात साल की उम्र में संगीत सीखना शुरू कर दिया था। वे ठुमरी, दादरा भजन और गजल आदि विधाओं के मूर्धन्य कलाकार थे। महाराज जी कवितायें भी लिखते थे। उन्होंने कई बैले रचनाओं के लिये गीत भी लिखें हैं । महाराज जी सिनेमा जगत की प्रसिद्ध हस्ती थे। सत्यजीत रे द्वारा निर्देशित फिल्म 'शतंरंज के खिलाड़ी' में आपने दो नृत्य दृश्यों की रचना की थी जिसमें उन्होंने अपनी आवाज भी दी थी। कला एवं संस्कृति में विशिष्ट योगदान हेतु 1986 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कालीदास सम्मान, संगीत नाटक अकादमी पुरूस्कार, सोवियत भूमि नेहरू पुरस्कार, संगम कला पुरूस्कार, से भी नवाजा गया था। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ ने मानद डी.लिट् की उपाधि से विभूषित किया था । इस विश्वविद्यालय से महाराज जी का गहरा नाता रहा है। पं. श्री बृजमोहन मिश्र (बिरजू महाराज जी) का आकस्मिक निधन दिनांक 17 जनवरी, 2022 को हो गया। आपके आकस्मिक निधन से विश्वविद्यालय परिवार अत्यंत शोकाकुल है । आपको विश्वविद्यालय परिवार की ओर से विनम्र श्रद्धांजली अर्पित है। विश्वविद्यालय परिवार के समस्त सदस्य इस दुःख की घड़ी में सहभागी हैं। हम ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना करते हैं।
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