दुकान खुलते ही शराब ने घोला जिंदगी में जहर, हत्या, आत्महत्या और लूट-खसोट की बढ़ी वारदातें

दुकान खुलते ही शराब ने घोला जिंदगी में जहर, हत्या, आत्महत्या और लूट-खसोट की बढ़ी वारदातें
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समाज में फैली शराब के नशे की बुराई न सिर्फ युवाओं के शरीर को खोखला कर रही, बल्कि उनके भविष्य को अंधकार कर अपराध के दलदल में धकेल रही है। शराब से कई परिवार भी तबाह हो रहे हैं। नशे में मारपीट, हत्या, हत्या की कोशिश से लेकर आत्महत्या तक की घटनाएं हो रही हैं।

रायपुर. समाज में फैली शराब के नशे की बुराई न सिर्फ युवाओं के शरीर को खोखला कर रही, बल्कि उनके भविष्य को अंधकार कर अपराध के दलदल में धकेल रही है। शराब से कई परिवार भी तबाह हो रहे हैं। नशे में मारपीट, हत्या, हत्या की कोशिश से लेकर आत्महत्या तक की घटनाएं हो रही हैं।

शराबी कब अपराध की दुनिया में कदम रख देते हैं, उनकाे एहसास तक नहीं होता। यही वजह है, छोटी-मोटी वारदातों से लेकर संगीन अपराध तक बढ़ रहे हैं। जैसे-जैसे समाज में शराबखोरी बढ़ती जा रही है, वैसे ही क्राइम का ग्राफ भी साल-दर-साल बढ़ता जा रहा है। शराब हर साल सैकड़ों जिंदगियां छीन रही है। अब फिर से शराब दुकान खुलते ही पाकिटमार, चाकूबाज और चाेर-बदमाश का जमावड़ा बढ़ गया है। हैरतअंगेज है, शराब दुकानों पर बदमाशों की निगरानी का सिस्टम नहीं है।

हर साल 80 से 100 परिवार भी टूट रहे

जानकारी के मुताबिक शराब की वजह से नवदंपत्ति से लेकर कई वर्षों तक घरेलू कलह के बीच जिंदगी गुजार चुके अधेड़ा उम्र के लोगों का परिवार भी टूट रहा है। हर साल करीब 80 से 100 परिवारों में शराब की वजह से रिश्तों में दरार आ रही है। पति-पत्नी से लेकर बाप-बेटे तक अलग हो रहे हैं। ऐसी भयावह स्थिति के बाद भी शराबखोरी या नशाखोरी को रोकने पुख्ता इंतजाम नहीं किया जा रहा।

40 फीसदी क्राइम शराब के कारण

जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में शराबखोरी का आलम यह है कि हर साल करीब 30 से 40 फीसदी हत्या, हत्या की काेशिश, लूट, मारपीट, बलवा और आत्महत्या जैसी वारदातें शराब को लेकर या शराब के नशे में हाेती हैं। कई बार नशेड़ियों का कहर परिजनों पर बरसता है। यही नहीं, परिजनों के बीच हत्या जैसी गंभीर वारदात भी इसी वजह से हो जाती है। इसके बाद भी शराब पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा रहा।

हर महीने 15 पर्स व मोबाइल चोरी

जानकारी के मुताबिक राजधानी रायपुर की शराब दुकानों पर अवैध चखना सेंटर खुलने से चाकूबाज, पाकिटमार और चाेरों की अचानक बाढ़ आ गई है। हर महीने जिलेभर की शराब दुकानों से करीब 10 से 15 मोबाइल व पर्स चोरी की वारदात होती है। वहीं 8 से 10 मारपीट की वारदातें होती हैं।

शराब की वजह से हालात ऐसे भी

केस 1- खम्हारडीह चंडीनगर निवासी मनहरण निषाद की शराब छुड़ाने पत्नी पार्वती ने बैगा बुलाया, जिससे आक्रोशित होकर उसने पत्नी पर जानलेवा हमला कर घायल कर दिया।

केस 2- महासमुंद के केमचा गांव निवासी केजऊराम की पत्नी उमा साहू ने अपने पांच बच्चों के साथ ट्रेन से कटकर सुसाइड कर लिया। पति रातभर शराब के नशे में धुत होकर घर पर सोता रहा।

केस 3 - छत्तीगसढ़ नगर निवासी विकास शर्मा उर्फ संदीप की 12 जून को शाम भाठागांव स्थित शराब दुकान परिसर में चाकू से हमला कर हत्या कर दी गई।

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