gold medalist: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों 'चांसलर गोल्ड मेडल' प्राप्त करेंगे आयुष ताम्रकार

gold medalist: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों चांसलर गोल्ड मेडल प्राप्त करेंगे आयुष ताम्रकार
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आयुष ने गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ के स्वयं सेवक के रूप में नेतृत्व करते हुए राष्ट्रीय एकता शिविर में भी छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करते हुए राष्ट्रीय स्तर में पदक भी हासिल किए है। पढ़िए पूरी खबर...

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले (Bilaspur district)में स्थित गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (Guru Ghasidas Central University) में हर वर्ष एक ऐसे प्रतिभावान छात्र को चुना जाता है जिन्होंने हर क्षेत्र में अपना सराहनीय योगदान दिया हो। इसी कड़ी में केंद्रीय विश्वविद्यालय के वर्ष 2022 के चांसलर गोल्ड मेडलिस्ट मुंगेली जिले के आयुष ताम्रकार (Ayush Tamarkar)बन गए है। इस वर्ष 1 सितंबर 2023 को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दसवां दीक्षांत समारोह होने वाला है, जिसमे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu)का आगमन होने जा रहा है। ये बहुत सौभाग्य की बात है की आयुष ताम्रकार को चांसलर गोल्ड मेडल और 25000 रूपये की राशि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथो से प्रदान की जाएगी।


बीए. एलएलबी की पढाई में बने गोल्ड मेडलिस्ट

आपको बता दें कि, आयुष ने 2022 मे गुरु घासीदास विश्वविद्यालय से बीए. एलएलबी की पढ़ाई पूरी की है। वे शुरू से ही यूनिवर्सिटी में होने वाले सभी एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज (extracurricular activities in the university)के साथ पढ़ाई में भी काफी रुचि रखते थे जिसके फल स्वरूप उन्हें यह उपाधि मिलने जा रहा है। आयुष ने गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ के स्वयं सेवक(National Service Scheme Cell) के रूप में नेतृत्व करते हुए राष्ट्रीय एकता शिविर (National Integration Camp)में भी छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करते हुए राष्ट्रीय स्तर में पदक भी हासिल किए है।

कुशल खिलाड़ी होने के साथ हैं समाजसेवी

शुरू से ही आयुष की बेसबॉल तथा सॉफ्टबॉल के प्लेयर (baseball and softball player)है और उन्होंने छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करते हुए स्पोर्ट्स मैं भी मेडल हासिल किए है। आयुष अधिवक्ता होने के साथ साथ एक समाज सेवक भी है जो समय समय पर सामाजिक गतिविधियों में अपना योगदान देते रहते है। आयुष ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता पिता, गुरुजनों एवम अपने साथियों को दिया है।

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