नाटू-नाटू की तर्ज पर छत्तीसगढ़ी में बना ‘बासी-बासी’ : गाना सोशल मीडिया पर जमकर हो रहा वायरल

रायपुर। फिल्म 'RRR' के नाटू-नाटू सांग ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। ऑस्कर अवॉर्ड मिलने से पूरा देश इसकी धुन में झूम उठा। साथ ही इस गाने पर देश के कई क्षेत्रीय बोलियों में भी गाना बनाया जा रहा है, जिसके कई वीडियोस लगातार वायरल हुए हैं। वहीं छत्तीसगढ़ी बोली में भी नाटू-नाटू सांग के तर्ज पर ‘बासी-बासी’ गाना बनाया गया है।
‘बासी-बासी’ सांग का वीडियो वायरल
मुख्यमंत्री कार्यालय छत्तीसगढ़ के ऑफिसियल अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट हुआ जो अब पूरे छत्तीसगढ़ में जमकर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में ‘बासी-बासी’ गाते हुए छत्तीसगढ़ के लोग बासी के साथ डांस करते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को शनिवार को छत्तीसगढ़ सीएमओ के इंस्टाग्राम अकाउंट में पोस्ट किया गया, जिसके बाद से वीडियो पर 50 हजार से ज्यादा व्यूज आ चुके हैं। वहीं यह वीडियो 2 हजार से ज़्यादा बार शेयर भी हो चुका है।
श्रमिकों के सम्मान में बोरे-बासी तिहार
बता दें कि, पिछले साल से राज्य में 1 मई को श्रमिक दिवस के साथ-साथ बोरे बासी दिवस भी मनाया जा रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से लेकर राज्य के सभी लोगों ने 1 मई को बासी खाते हुए एक अभियान की शुरुआत की। दरअसल, इस अभियान को श्रमिकों के सम्मान में शुरू किया गया है।
गौरतलब है कि, बोरे और बासी दो तरह के व्यंजन हैं, लेकिन हैं एक ही। दरअसल पके हुए चावल को पानी में डूबोकर यह व्यंजन बनाया जाता है। फिर दही, पापड़, चटनी, बिजौरी, भाजी जैसी चीजों के साथ इसे खाया जाता है। जब यह बोरे कुछ घंटा पुराना हो जाता है तो इसे बासी कहते है। वहीं ग्रामीण बताते हैं कि, बोरे बासी जहां गर्मी के मौसम में ठंडक देता है, वहीं पेट विकार को दूर करने के साथ-साथ पाचन के लिए यह भी लाभकारी है। बोरे बासी पौष्टिक आहार है। गर्मी के मौसम में लू से बचने के लिए बोरे बासी खाया जाता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में पानी होता है, जिससे की उल्टी, दस्त जैसी बीमारियों में यह शरीर में पानी की कमी को दूर करता है।
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