बिलासपुर की बदहाल सड़कें, कांग्रेस-बीजेपी ने अधिकारियों और ठेकेदार पर फोड़ा ठीकरा

बिलासपुर की बदहाल सड़कें, कांग्रेस-बीजेपी ने अधिकारियों और ठेकेदार पर फोड़ा ठीकरा
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इस कार्य का टेंडर मध्यप्रदेश के इंदौर की ठेका कंपनी टोल प्लाजा को 4 अक्टूबर 2018 से दिया गया है, जिसे पूरा करने की समय-सीमा लगभग एक साल तय की गई थी। काम अभी भी चालू है, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखकर लगता है कि एकाध साल से पहले काम तो पूरा नहीं हो पाएगा। पढ़िए पूरी खबर-

बिलासपुर। यूँ तो आम लोगों की सुविधा के लिए करोड़ों रुपए की लागत से बन रही स्मार्ट सड़क अब लोगों के लिए परेशानियों का सबब बन चुकी है। इस सड़क की हालत को देखकर तो अब लोग महाराणा प्रताप चौक और व्यापार विहार सडक पर आना-जाना करने से तौबा भी करने लगे हैं। इस सड़क पर नगर निगम के ठेकेदार कछुए की चाल की तरह काम कर रहा है। काम की चाल हर दिन बिगड़ जा रही है। इससे शहर की पब्लिक और जनप्रतिनिधि हर दिन मुश्किलों से दो चार हो रहें है, जिससे जनता का आक्रोश गुब्बारे में हवा की तरह भरते चले जा रहा है।

यहाँ का आलम देखकर तो ये भी लगने लगा है कि बिलासपुर जिले के अधिकारियों का आदेश भी ठेकदार पर बेअसर है। दरअसल बिलासपुर शहर के बढ़ते यातायात दबाव और सडकों के चौड़ीकरण तथा सौन्दरीकरण का प्रोजेक्ट नगर निगम ने स्मार्ट सिटी फंड से शहर का दूसरा स्मार्ट सड़क तारबाहर चौक से लेकर महाराणा प्रताप चौक तक लगभग 4 किलोमीटर तक बनाने का कार्य कर रही है, जिसकी लागत 25 करोड़ रुपए बताई जा रही है।

इस कार्य का टेंडर मध्यप्रदेश के इंदौर की ठेका कंपनी टोल प्लाजा को 4 अक्टूबर 2018 से दिया गया है, जिसे पूरा करने की समय-सीमा लगभग एक साल तय की गई थी। काम अभी भी चालू है, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखकर लगता है कि एकाध साल से पहले काम तो पूरा नहीं हो पाएगा।

गौरतलब है कि बिलासपुर नगर निगम आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय का कहना है कि शहरी एरिया में काम करने पर थोड़ा विलम्ब जरुर होता है, लेकिन ठेकेदार अपने कार्य को तीव्र गति से पूरा करने में लगा हुआ है। निर्माण कार्य की निगरानी मैं और मेरी पूरी टीम लगातार कर रही है। आने वाले कुछ महीनों में सड़क को ट्रैफिक के लिए हम चालू करने की तैयारी में हैं।

नगर निगम महापौर रामशरण यादव ने स्मार्ट सिटी सड़क निर्माण में लेट-लतीफी की निंदा जाहिर करते हुए कहा कि संयोग से मैं वार्ड क्रमांक 24 नया राजेंद्र नगर का पार्षद भी हूँ। दुर्भाग्य की बात है कि बिलासपुर कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त को मौखिक और लिखित शिकायत देने के बावजूद भी कार्यवाही नहीं हो रही है। महापौर ने सवाल किया है कि ऐसा कौन सा कारण है, जिसके चलते ठेकेदार पर कार्यवाही नहीं की जा रही है? लिहाजा, मैं सम्बंधित स्मार्ट सिटी सड़क के ठेकेदार के विरुद्ध निर्धारित समय सीमा में कार्य पूरा नहीं होने पर पैनाल्टी लगाने और अतिशीघ्र कार्य पूरा नहीं होने पर ब्लैकलिस्ट करने की मांग करता हूँ।

पूर्व महापौर किशोर राय ने तंज कसते हुए कहा कि नगर निगम में पर्याप्त फंड मौजूद है, लेकिन अधिकारियें की उदासीनता की वजह से कार्य नहीं हो पा रहा है। आखिर ये समझ नहीं आ रहा है कि ठेकेदार पर नगर निगम इतना मेहरबान क्यों है? जिस सड़क की आवश्कता और यातायात का दबाव कम करने के लिए सड़क चौड़ीकरण करने का कार्य प्रारंभ किया गया था, उस पर लेटलतीफी करना जनता से न्याय संगत व्यवहार नहीं है। इसी तरह स्थानीय निवासी प्रवीण झा ने कहा कि बिलासपुर में स्मार्ट सिटी का नाम देना ही नहीं चाहिए, क्योंकि बिलासपुर में एक भी काम स्मार्ट नहीं हो पा रहा है। बिलासपुर के कार्यों को देखकर ऐसा लगता है कि ठेकेदार और अधिकारीयों को शायद स्मार्ट सिटी की परिभाषा ही नहीं मालूम है, इसीलिए जनता को परेशान करने निरंतर खुदाई करते हुए अव्यवस्था जारी रखी गई है। उन्होंने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि अब बहुत हो गया साहब, बिलासपुरवासियों को मुश्किल में डालना बंद कर दें...।

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