बैगा परिवार बैठा भूख हड़ताल पर : मुआवजा और जमीन वापस दिलाने की मांग पर अड़ा, जिला पंचायत सदस्य का मिला समर्थन

बैगा परिवार बैठा भूख हड़ताल पर : मुआवजा और जमीन वापस दिलाने की मांग पर अड़ा, जिला पंचायत सदस्य का मिला समर्थन
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आंदोलन में परिवार के मुखिया के नाम पर 1935-36 और 1975-76 के रिकार्ड में अंकित भूमि वापस दिलाने या मुआवजा की मांग कर रहा है। क्या है पूरा मामला, पढ़िए...

रविकांत सिंह राजपूत- मनेन्द्रगढ़। छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ जिले के भरतपुर तहसील के सामने बैगा परिवार अपनी मांगों को लेकर मंगलवार से परिवार के साथ भूख हड़ताल पर बैठ गया। वे आंदोलन में परिवार के मुखिया के नाम पर 1935-36 और 1975-76 के रिकार्ड में अंकित भूमि वापस दिलाने या मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

विदित हो कि, गैंदलाल बैगा के पिता के नाम पर 6 एकड़ जमीन थी, जिसे बंदोबस्त के दौरान सरकारी लोगों ने गड़बड़ी कर 3 एकड़ जमीन गायब कर दी और उस जमीन को सरकारी बताते हुए किसी दूसरों को आवंटित कर दी गई। अब मुआवजा और जमीन वापसी दिलाने की मांग को लेकर परिवार के साथ भूख हड़ताल पर बैठ गया है। आंदोलन स्थल पर पूरा परिवार प्रशासन पर आरोप भी लगा रहा है। जानकारी मिलते ही जायज मांगों को लेकर जिला पंचायत सदस्य रविशंकर सिंह भी हड़ताल को समर्थन देने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि, आज से बैगा परिवार अपनी जायज मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठा है। नेताओं पर जमीन कब्जा करने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बैगा परिवर की प्रशासन में कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

बंदोबस्त सुधार के दौरान प्रशासन के लोगों ने की गड़बड़ी

गैंदलाल बैगा ने कहा कि, शासन प्रशासन द्वारा बदोस्त सुधार के दौरान हमारी पुस्तैनी जमीन गायब कर दी गई है। इसके त्रुटि सुधार के लिए हमने पटवारी से लेकर तहसीलदार और जिला स्तर तक आवेदन दिए, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी ने पटवारी को जांच के लिए लिख दिया। इस स्थल पर पटवारी जांच करने भी नहीं पहुंचा। जो हमारी पुस्तैनी जमीन है उसे सरकारी जमीन घोषित कर लोगों को पट्टा बांट दिया गया। सामान्य वर्ग को आंवटित कर दी गई। वह जमीन अब धडल्ले से बिक्री की जा रही है। वहीं वहां बड़े पैमाने पर मकान बनाए जा रहे हैं।

परिवार के पास है पुराना रिकार्ड

उन्होंने कहा 1935-36 और 1975-76 के रिकार्ड में वह जमीन हमारे पिता के नाम से आवंटित है। बदोस्त सुधार के दौरान इन रकबों की जमीन किसी को भी आवंटित कर दी गई। मेरे पिता के नाम पर 6 एकड़ का रकबा था, अब मेरे नाम पर रिकार्ड में 3 एकड़ जमीन दिखायी जा रही है, बाकी जमीन हमारी कहा गई। हमारे पास पुराने रिकार्ड है। सरकार पुराने रिकार्ड के आधार पर हमारी भूमि हमें वापस कराए।

पुस्तैनी जमीन वापस मिलने तक जारी रहेगी भूख हड़ताल

गैंदलाल ने कहा कि हमारी जमीन पर शासन प्रशासन बड़े पैमाने पर मकान बनवा रहा है। पट्टा आवंटित किया गया है। कुछ जमीन सामान्य वर्ग के नाम पर है, जिसे वे बेच रहे हैं। हमने स्थगन आदेश के लिए आवेदन दिया, लेकिन प्रशासन स्तर पर हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। गैंदलाल ने कहा कि जब तक हमारी पुस्तैनी जमीन हमें वापस नहीं दिलायी जायेगी तब तक पूरे परिवार की भूख हड़ताल जारी रहेगी।देखिए वीडियो...


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