रैली पर रोक : राज्य सरकार पर आदिवासियों के साथ सौतेला व्यवहार करने के लगे आरोप

रैली पर रोक : राज्य सरकार पर आदिवासियों के साथ सौतेला व्यवहार करने के लगे आरोप
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आदिवासी अपनी जायज मांग को लेकर रैली करना चाहते हैं। सरकार तक अपनी बात पहुचाना चाहते हैं लेकिन प्रशासन उन्हें मुख्यालय तक पहुँचने नहीं दे रही है। पढ़िए पूरी खबर…

गणेश मिश्र-बीजापुर। आदिवासी आरक्षण को लेकर छत्तीसगढ़ गर्म है। इस बीच आदिवासियों की रैली रोकने की बात सामने आ रही है। राज्य युवा आयोग के पूर्व सदस्य अजय सिंह ने मंत्री कवासी लखमा के साथ राज्य सरकार पर आदिवासियों के साथ सौतेला व्यवहार का आरोप लगाया है।

अजय सिंह का कहना है कि आदिवासी अपनी जायज मांग को लेकर रैली करना चाहते हैं। सरकार तक अपनी बात पहुचाना चाहते हैं लेकिन प्रशासन उन्हें मुख्यालय तक पहुँचने नहीं दे रही है। जबकि आदिवासियों के बूते प्रदेश में कांग्रेस सत्तासीन है, कवासी लखमा कैबिनेट में मंत्री है। बाबजूद इसके आदिवासियों की बातों, उनकी मांगों को सरकार, उनके मंत्री सुनना नहीं चाहते हैं।

प्रशासन राजीनीतिक रैलियों को अनुमति देता है। सभा करने की अनुमति देता है। वहीं जब आदिवासियों को रैली करनी होती है, तो प्रशासन उन्हें मुख्यालय के भीतर आने की इजाजत तक नही देता है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।

स्थानीय विधायक पर आरोप

दरअसल एक दिन पहले शनिवार को सैकड़ो आदिवासी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर रैली की शक्ल में बीजापुर जिला मुख्यालय में दाखिल होना चाहते थे। इसके लिए बकायदा अनुमति मांगी गई थी, जो प्रशासन ने नहीं दी। अजय ने अनुमति ना देने के पीछे स्थानीय विधायक को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने इसे संवैधानिक अधिकारों का हनन बताया है। देखिए वीडियो...

यह खेद का विषय है

विधायक विक्रम मण्डावी ने कहा है कि रैली, धरना संवैधानिक अधिकार है। अगर रैलियों को रोका गया है तो यह खेद का विषय है। विधानसभा की कार्रवाई के चलते मैं बीजापुर से बाहर था। मुझे कोई जानकारी नहीं है। अफसरों से इस बारे में जानकारी लूंगा।

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