दिल्ली जैसा दमन...! : धारा-144 लगते ही नवा रायपुर में जगह-जगह लोहे-कंक्रीट से बैरिकेडिंग, 27 गांवों के किसानों का आज मंत्रालय मार्च

रायपुर. नवा रायपुर में किसान आंदोलन की तेज 'धारा' को रोकने धारा-144 लगा दिया गया है. नवा रायपुर के किसान आंदोलन को किसानों ने दिल्ली के दंगल जैसा रंग-रूप देने की जद्दोजहद करते रहे. दिल्ली की तर्ज पर ट्रैक्टर रैली निकाली गई. कुछ किसान अब आमरण अनशन पर उतर आए हैं. कई महिला किसानों ने भी भूख हड़ताल का ऐलान कर दिया है. इस बीच नवा रायपुर के किसान आंदोलन को कुचलने प्रशासन ने कमर कस ली है. नवा रायपुर में धारा-144 लगते ही जगह-जगह लोहे-कंक्रीट से बैरिकेडिंग कर दिया गया है. इधर नवा रायपुर में आंदोलनरत 27 गांवों के किसानों ने आज मंत्रालय मार्च का ऐलान किया है.
राखी थाना चौक से मंत्रालय महानदी भवन और सचिवालय इंद्रावती भवन परिसर तक, पुलिस मुख्यालय चौक से मंत्रालय-संचालनालय भवन तक, शीतला मंदिर चौक से मंत्रालय- संचालनालय भवन तक और पंडित दीनदयाल उपाध्याय चौक से मंत्रालय- संचालनालय भवन तक 4 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. नवा रायपुर में कैपिटल कॉम्प्लेक्स की ओर जाने वाली सड़कों को बैरिकेड लगाकर रोक दिया गया है.
कलेक्टर सौरभ कुमार और पुलिस अधीक्षक गुरुवार शाम NRDA भवन पहुंचे थे. आंदोलनकारी किसानों के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा की थी. किसानों ने कहा था कि वे शुक्रवार को अपील आवेदन फॉर्म लेकर मुख्य सचिव को सौंपने मंत्रालय जाएंगे. अधिकारियों ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया. उनका कहना था कि बीच में ही कोई सक्षम अधिकारी किसानों से अपील फॉर्म लेकर सरकार तक पहुंचा देगा. किसानों को मंत्रालय तक नहीं जाने दिया जाएगा. आंदोलनकारियों ने मुख्य सचिव के साथ किसान प्रतिनिधियों की बैठक कराने की मांग की. उनका कहना था जहां पर किसानों को रोका जाए वहां पेयजल और छांव की व्यवस्था की जाए. नवा रायपुर बनाने के लिए हुए अधिग्रहण से प्रभावित गांवों के लोग 3 जनवरी से 8 मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं. इनमें से अधिकांश मांगों पर पूर्ववर्ती सरकार के समय सहमति के बावजूद काम नहीं हुआ था. अभी सरकार कह रही है कि वे छह मांगों पर काम शुरू कर चुके हैं. किसान इसे अधूरा बता रहे हैं.
नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने बताया कि अधिकारी आंदोलन में शामिल 30 से अधिक लोगों पर धारा 107 और 116 यानी शांति भंग का नोटिस तामील कराने आए थे. इस पर प्रशासनिक अधिकारी मौन बने हुए हैं। इसका कारण नहीं बताया गया है. इधर पांच किसान आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. यह अनशन मंगलवार से शुरू हुआ है. गुरुवार को इनमें से एक किसान राजकुमार पटेल ने पानी पीना भी छोड़ दिया है. अनशन पर बैठे दूसरे किसानों में भारत दास मानिकपुरी, दुकालू राम सिन्हा, जगत राम सोनवानी और जगतू राम पटेल भी कुछ नहीं खा रहे हैं. समिति के मुताबिक स्वास्थ्य परीक्षण में अभी उनकी स्थिति सामान्य बनी हुई है. आंदोलन में किसानों की क्रमिक भूख हड़ताल में महिलाएं भी शामिल हो गई हैं. गुरुवार को खंडवा की दीपा वर्मा, गीता ध्रुव, राखी की रमशीला साहू, वीणा बाई साहू, पलौद की किरण साहू, सोनवती धीवर, परसदा की रानीबाई घृतलहरे, सुमित्रा बाई चंद्राकर, उपरवारा की गंगाबाई धीवर उपवास पर बैठी थी. महिलाओं के साथ छत्तीसगढ़ अभिकर्ता एवं निवेशक कल्याण संघ के अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण चन्द्राकर, पलौद के सीताराम तिवारी, नवागांव के डेरहा राम पटेल, खंडवा के जीतू वर्मा भी उपवास पर बैठे थे. किसानों की यह भूख हड़ताल शनिवार को शुरू हुई है.
इन बिंदुओं पर सरकार से असहमति
सन 2005 से जमीन के क्रय-विक्रय पर लगा प्रतिबंध सभी गांवों से हटाने की मांग थी. सरकार लेयर 2 व 3 के 13 गांवों का प्रतिबंध हटाया गया. लेयर 1 के 14 गावों में आज भी प्रतिबंध लागू रखा गया.
नवा रायपुर में पंचायत आज भी संचालित है, इसे गलत तरीके से नगरीय क्षेत्र घोषित किया गया है, उसे शून्य घोषित नहीं किया गया है.
पूरी ग्रामीण बसाहट का पट्टा मांगा जा रहा है, सरकार ने केवल 1200 से 2500 वर्ग फीट तक का पट्टा स्वीकृत करने की बात कही है.
सरकार 2012 में 18 साल के रहे विवाहित व्यक्तियों को ही 1200 वर्ग फीट का पट्टा देने की बात की है. जबकि किसान संगठन 2022 की गणना पर 18 साल के प्रत्येक वयस्क को विवाहित हो या न हो 1200 वर्ग फीट विकसित भूखंड देने की मांग की है.
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