सावधान छत्तीसगढ़, आ रहा है एक और चक्रवाती तूफान: भारी बारिश और तेज हवाएं चलेंगी, बर्बाद हो सकती हैं फसलें, कई ट्रेनें भी हो सकती हैं रद्द

सावधान छत्तीसगढ़, आ रहा है एक और चक्रवाती तूफान: भारी बारिश और तेज हवाएं चलेंगी, बर्बाद हो सकती हैं फसलें, कई ट्रेनें भी हो सकती हैं रद्द
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मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, "जवाद तूफ़ान" का असर छत्तीसगढ़ में 6 दिसंबर तक रहेगा। इस तूफ़ान असर से कई हिस्सों में तेज हवा और तापमान में गिरावट देखने को भी मिल सकता है। इसका असर प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में रहेगा, बस्तर और आसपास के इलाकों में तेज़ हवा और ठण्ड के साथ ही हल्की बारिश की भी संभावना है। पढ़िये पूरा अपडेट-

रायपुर। "चक्रवाती तूफान" जो बंगाल की खाड़ी में उठा है। और ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तट से टकराएगा। मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक,"जवाद तूफ़ान" का असर छत्तीसगढ़ में 6 दिसंबर तक रहेगा। इस तूफ़ान असर से कई हिस्सों में तेज हवा और तापमान में गिरावट देखने को भी मिल सकता है। इसका ख़ास तौर पर असर प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में रहेगा, बस्तर और आसपास के इलाकों में तेज़ हवा और ठण्ड के साथ ही हल्की बारिश की भी संभावना है। इसके प्रभाव से क्षेत्रों में भारी बारिश होगी। इसके चलते कई ट्रेनें भी रद्द हो सकती है।

रायपुर के मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया, मिली प्रारंभिक सूचना के अनुसार, मध्य अंडमान सागर और उसके आसपास एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। उसके साथ ही एक ऊपरी हवा का चक्रवाती घेरा भी 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर बन रहा है। गुरुवार को प्रबल होकर यह पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए अवदाब में बदल जाएगा। इसके पुनः प्रबल होकर एक चक्रवात के रूप में मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर अगले 24 घंटे में पहुंचने की संभावना बताई गई है।अनुमान है कि ओडिशा और आंध्र प्रदेश से लगे छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती जिलों में इसके प्रभाव से तेज हवाएं चलेंगी। कहीं-कहीं बारिश भी हो सकती है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि बारिश का अधिकतर क्षेत्र दक्षिण छत्तीसगढ़ ही रहेगा।

अधिकांश हिस्सा हो सकता है बर्बाद

छत्तीसगढ़ में धान की कटाई अंतिम चरण में है। नवंबर में हुई बेमौसम बारिश से किसानों की खड़ी फसल को भी नुकसान हुआ था। काटकर और मिंजाई के बाद रखी फसल भी गीली हो गई थी। किसान अभी उस फसल को किसी तरह सुखाकर बचाने की कोशिश में लगे हैं। अगर दिसंबर में भी बारिश होती है तो फसल का अधिकांश हिस्सा बर्बाद हो सकता है। प्रदेश में धान की सरकारी खरीदी एक दिसंबर से शुरू हो गई है। इसके लिए 2 हजार 399 केंद्र बनाये गये हैं। सरकार ने पहले ही दिन 88 हजार मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी की है। धान खरीदी केंद्रों में बाहर खुले में ही पड़ा है। अगर तेज हवाओं के साथ बारिश हुई तो सारा धान बर्बाद हो जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो सरकार को भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

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