विदेशी पक्षियों का आरामगाह बनेंगे बेलौदी और आसपास के गांव

रायपुर. पाटन से सटे बेलौदी गांव को पक्षी विचरण केंद्र के साथ पक्षियों के रहवास केंद्र के रूप में विकसित करने की कवायद तेज हो गई है। पक्षी विचरण केंद्र बलौदी का निरीक्षण करने जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव अरुण पाण्डेय पहुंचे। इस दौरान जैव विविधता बोर्ड के सदस्य ने यहां की आद्रभूमि (वेटलैंड) और वहां विचरण कर रहे प्रवासी पक्षियों को देखा।
जैव विविधता बोर्ड के सचिव के मुताबिक बेलौदी वेटलैंड पक्षियों के रहवास के लिए बेहतर जगह है। इसकी प्राकृतिक सुंदरता में चार चांद लगाने के लिए वेटलैंड को और भी विकसित करने की बात श्री पाण्डेय ने कही। उन्होंने बताया कि वेटलैंड का प्रकृति में विशेष महत्व होता है। यह भूमि पक्षियों, सरीसृप वर्ग, मछलियों व अन्य जैव प्रजातियों के लिए उनका प्राकृतिक आवास होता है। उन्होंने बेलौदी सहित आसपास के अन्य बांधों का पूरा सर्वेक्षण कर यहां आने वाले प्रवासी तथा स्थानीय पक्षियों की सूची बनाने और जल्द से जल्द कार्य योजना बनाकर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।
बांधों का किया निरीक्षण, बर्ड वाचिंग
जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव बेलौदी सहित सांतरा, आचानकपुर और चीचा बांध का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। उनके साथ स्थानीय बर्ड वाचर की टीम ने इन सभी बांधों में आने वाले प्रवासी और स्थानीय पक्षियों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान वहां विचरण कर रहे रुड्डी शेलडक, पेंटेड स्टोर्क बार हेडेड, गूस ग्रेटर, स्पाटेट, ईगल, वूली, नेक स्टोर्क पक्षियों के बारे में अफसर ने जानकारी ली। अफसर ने जैव विविधता प्रबंधन समूह के सदस्यों को प्रशिक्षण देकर उन्हें जागरूक करने के निर्देश दिए। जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव के साथ दुर्ग वनमंडल के डीएफओ धमशील गणवीर भी उपस्थित रहे।
इन क्षेत्रों को भी किया जाएगा विकसित
दुर्ग डीएफओ के मुताबिक बेलौदी बांध के साथ सांतरा, आचानकपुर और चीचा के बांध को भी पक्षी विचरण केंद्र के रूप में विकसित किए जाने की काफी संभावनाएं हैं। इस लिहाज से इन चारों बांध और इनकी वेटलैंड को बेलौदी आद्रभूमि समूह बनाकर विकसित करने की बात कही। उन्होंने बांध के सटे इलाकों में व्यापक पैमाने पर पौधारोपण करने की बात कही।
अनुकूल परिस्थिति
बेलौदी और आसपास के गांवों में पक्षियों का संरक्षण, संवर्धन करने अनुकूल परिस्थिति है। इस लिहाज से इस क्षेत्र को पक्षी सफारी बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
- अरुण कुमार पाण्डेय, एपीसीसीएफ
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