भगवान भरोसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र : अस्पताल में सिर्फ एक कर्मचारी, प्रसव के लिए ओडिशा जाने को मजबूर महिलाएं...

भगवान भरोसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र : अस्पताल में सिर्फ एक कर्मचारी, प्रसव के लिए ओडिशा जाने को मजबूर महिलाएं...
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दीवानमुड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों बीमार पड़ गया है। लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने वाला यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जिम्मेदारों के उदासीन रवैये के चलते अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। कर्मचारियों की कमी के चलते यह केंद्र नाम भर का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनकर रह गया है। स्थिति यह हो गई है कि प्रसव के लिए पहुंचने वाली महिलाएं भी अब ओडिशा जाकर प्रसव करवाने को मजबूर हो गई है। पढ़िए पूरी खबर...

रविकांत तिवारी/देवभोग। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के देवभोग ब्लॉक का दीवानमुड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों बीमार पड़ गया है। लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने वाला यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जिम्मेदारों के उदासीन रवैये के चलते अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। एक समय अपने कार्यों के चलते दीवानमुड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ने राज्य स्तर पर अपनी पहचान बनाई थी। आज कर्मचारियों की कमी के चलते यह केंद्र नाम भर का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनकर रह गया है। स्थिति यह हो गई है कि प्रसव के लिए पहुंचने वाली महिलाएं भी अब ओडिशा जाकर प्रसव करवाने को मजबूर हो गई है।

3 महीने से स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल

तीन महीने से कर्मचारियों की कमी के चलते दीवानमुड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से बदहाल हो गई है। कई बार जिम्मेदार अधिकारियों के साथ ही जनप्रतिनिधियों को मामले से अवगत करवाने के बाद भी जब व्यवस्था दुरुस्त नहीं हुआ तो अब ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ने लगा है। नाराज ग्रामीणों ने जिले के कलेक्टर के नाम आवेदन तैयार कर लिया है। गांव के बाबूलाल बघेल, महेश यादव और ईश्वर पुजारी ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 16 कर्मचारियों का पद स्वीकृत है। इसमें मात्र एक ही कर्मचारी कार्यरत है। बाकी 15 पद रिक्त है। ग्रामीणों ने आवेदन में जिक्र किया है कि महिलाओं को प्रसव और अन्य समस्याओं की जाँच के लिए बहुत ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

बंद कर दीजिए केंद्र

गांव के बाबूलाल, मोहनलाल ने बताया कि कर्मचारियों की कमी के चलते इस केंद्र का संचालन भगवान भरोसे हो रहा है। इलाज नहीं होने से ग्रामीणों की नाराजगी दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। वहीं महिलाएं भी प्रसव या अन्य जाँच के लिए ओडिशा जाने को मजबूर हो गई हैं। ग्रामीण ने बताया कि कलेक्टर साहब को दिए जाने वाले ज्ञापन में ग्रामीणों ने मांग किया की है कि यदि केंद्र में कर्मचारी नहीं भेजा जाएगा तो केंद्र को बंद कर दिया जाए।

देवभोग में अटैच कर ले रहे काम

ग्रामीणों ने बताया कि, दीवानमुड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ अधिकारी सौतेला व्यवहार कर रहे हैं। ग्रामीण ने बताया कि दीवानमुड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के फार्माशिष्ट और एक अन्य कर्मचारी को देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सलग्न कर उनसे काम लिया जा रहा है। ग्रामीण ने कहा कि कर्मचारियों की कमी के बाद भी दीवानमुड़ा के कर्मचारी को देवभोग में संलग्न करके काम लेना भी जिम्मेदारों के ऊपर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।

15 दिन में कर्मचारी नहीं आए तो होगा बड़ा आंदोलन

ग्रामीण बाबूलाल, महेश यादव और ईश्वर पुजारी ने बताया कि ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर से मुलाकात कर उन्हें वस्तुस्थिति की जानकारी देगा। उन्हें बताया जाएगा कि दीवानमुड़ा के साथ ही आसपास के 5 से 6 गांव के लोग इलाज के लिए इसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर निर्भर है, लेकिन कर्मचारियों की कमी के चलते ग्रामीणों का इलाज नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक यदि 15 दिनों के अंदर स्वास्थ्य केंद्र में कर्मचारी नहीं पहुंचे तो 5 से 6 गांव के ग्रामीण तेल नदी के पुल में बैठकर बड़ा आंदोलन करेंगे। मामले में देवभोग बीएमओ डॉक्टर सुनील कुमार रेड्डी ने बताया कि मामले की जानकारी उच्च कार्यालय को दे दी गई है।


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