Bhanupratappur By Election : सर्व आदिवासी समाज का अनूठा फैसला, समाज हर बूथ से खड़ा करेगा एक-एक प्रत्याशी, कहा-यही हमारा विरोध जताने का तरीका होगा...

Bhanupratappur By Election : सर्व आदिवासी समाज का अनूठा फैसला, समाज हर बूथ से खड़ा करेगा एक-एक प्रत्याशी, कहा-यही हमारा विरोध जताने का तरीका होगा...
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उपचुनाव के मद्देनजर सर्व आदिवासी समाज ने एक ऐसा फैसला लिया है, जो शायद देश की राजनीति में पहला हो सकता है। आदिवासी समाज के जिला पदाधिकारियों ने भानुप्रतापपुर के गोंडवाना समाज भवन में आयोजित लगभग तीन घण्टे की बैठक के बाद यह निर्णय लिया है कि समाज की ओर से भानुप्रतापपुर विधानसभा की सभी बूथों में एक—एक प्रत्याशी विधानसभा चुनाव के लिए खड़ा किया जाएगा। पढ़िए पूरी खबर...

गौरव श्रीवास्तव-फिरोज खान/कांकेर-भानुप्रतापपुर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले की भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के मद्देनजर सर्व आदिवासी समाज ने एक ऐसा फैसला लिया है, जो शायद देश की राजनीति में पहला हो सकता है। आदिवासी समाज के जिला पदाधिकारियों ने भानुप्रतापपुर के गोंडवाना समाज भवन में आयोजित लगभग तीन घण्टे की बैठक के बाद यह निर्णय लिया है कि समाज की ओर से भानुप्रतापपुर विधानसभा की सभी बूथों से एक-एक प्रत्याशी विधानसभा चुनाव के लिए खड़ा किया जाएगा। इतनी संख्या में प्रत्याशी खड़े किए जाने पर निर्वाचन आयोग को यह चुनाव निरस्त करना ही पड़ेगा और आदिवासी समाज इसी तरीके से अपना विरोध प्रदर्शित करेगा।

सरकारें लगातार आदिवासी हितों से छल करती रही

सर्व आदिवासी समाज के प्रमुखों ने कहा कि सरकारें लगातार आदिवासी हितों से छल करती रही है। पांचवी अनुसूची में लागू पेसा कानून हो या फिर अजजा के लिए आरक्षण 32% से घटकर 20% तक आ जाना, यह सब आदिवासी समाज के हित के सर्वथा खिलाफ है। अब अपने हितों के लिए आदिवासी समाज पूरी तरह जागृत हो गया है और अपने हक की लड़ाई लगातार लड़ता रहेगा। इसके पूर्व भी लगातार कई धरना—प्रदर्शन, चक्काजाम जैसे आंदोलन किए गए, लेकिन सरकारों की ओर से इसके प्रति कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। भाजपा सरकार हो या कांग्रेस सरकार सभी इसके लिए दोषी है। आदिवासी समाज का विरोध किसी पार्टी के विरुद्ध नहीं है, लेकिन हम यह चाहते हैं कि पहले आदिवासी हितों की रक्षा की जाए उसके बाद ही यह चुनाव संपन्न हो।

नामांकन आज से शुरू, भाजपा-कांग्रेस ने नहीं की प्रत्याशियों की घोषणा

इसलिए अब इस विधानसभा में 400 से अधिक प्रत्याशी आदिवासी समाज की ओर से खड़े किए जाएंगे। इसके बाद निर्वाचन आयोग को यह चुनाव निरस्त करना ही पड़ेगा और यही हमारा विरोध करने का तरीका है। वहीं भानुप्रतापपुर उपचुनाव के लिए गुरुवार से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नामांकन के पहले दिन यानी आज एक नामांकन फार्म बिका है। नामांकन की अंतिम तिथि 17 नवम्बर तक है। इधर, भाजपा—कांग्रेस ने अभी तक अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है।

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