भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा प्रदेश प्रभारी संदीप शर्मा बोले- न्याय योजना किसानों को गुमराह करने वाली

भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी संदीप शर्मा ने कहा है कि किसान न्याय योजना की घोषणा अत्यंत भ्रामक और किसानों को गुमराह करने वाली है। वर्ष 2020-2021 खरीफ में किसानों ने 68 लाख एकड़ से अधिक भूमि का पंजीयन धान बेचने के लिए कराया था। पिछले खरीफ सत्र में भी सरकार ने घोषणा की थी कि धान के अतिरिक्त जो किसान सोयाबीन, कोदो, अरहर, मूंगफली, मक्का , अन्य तिलहन की खेती जिन कृषि भूमि में करेंगे उनका भी अलग से पंजीयन किया जाएगा और उक्त पंजीकृत भूमि पर किसान न्याय योजना के अंतर्गत 10 हजार रुपए प्रति एकड़ दिया जाएगा।
श्री शर्मा ने कहा, इस घोषणा के चलते अनेकों किसान ने धान के बदले अन्य खेती की और पंजीयन भी कराया था, लेकिन अन्य फसलें बोने वाले किसानों को इस वर्ष कोई लाभ न देकर सरकार ने किसानों के साथ बड़ा धोखा किया है। अब इस वर्ष एक और धोखाधड़ी की तैयारी इस सरकार ने कर ली है। घोषणा यह है कि जिस रकबे का पंजीयन 2020-2021 में धान बोने के लिए कराया गया था।
उस रकबे में यदि किसान धान के बदले अन्य फसल सोयाबीन, गन्ना, कोदो, कुटकी, अरहर, मूंगफली, मक्का बोते हैं तो उन्हें किसान न्याय योजना में लाभ मिलेगा। श्री शर्मा ने कहा है कि अब जिन किसानों ने धान के 2500 रुपए मिलने की उम्मीद में अपने भर्री खेत को धनहा बनाया है वे किसान न्याय योजना के लाभ के लिए कोदो, कुटकी, अरहर, मक्का, मूंगफली या अन्य दलहन फसल बोने के लिए धनहा खेत को फिर से भर्री बनाएंगे जो बार-बार कैसे संभव है।
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