ED Raid : ऑनलाइन सट्टेबाजी पर बड़ा एक्शन, एएसआई चंद्रभूषण समेत इन कारोबारियों को ईडी ने किया गिरफ्तार...

ED Raid : ऑनलाइन सट्टेबाजी पर बड़ा एक्शन, एएसआई चंद्रभूषण समेत इन कारोबारियों को ईडी ने किया गिरफ्तार...
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ED ने पहली बारप्रेस रिलीज जारी कर इस ऑनलाइन सट्टे का पर्दाफाश किया है। ED के मुताबिक इस मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस की तरफ से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की गई थी। पढ़िए पूरी खबर....

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर (capital Raipur) में सट्‌टा ऐप (Satta app)से जुड़े मामले को लेकर ईडी ने बड़ा खुलासा किया है। ईडी के मुताबिक एएसआई चंद्रभूषण वर्मा (ASI Chandrabhushan Verma) लाइजनर का काम कर रहा था। इसके साथ ही कई नेताओं को धन राशि भी दी जा रही थी, जांच में 65 करोड़ नगद मिले हैं। जिसे चंद्रभूषण ने रिसीव किया है, उसने बड़े पुलिस अफसरों और नेताओं को भी रिश्वत दी है।

ED ने जारी किया प्रेस रिलीज

ED ने PMLA यानी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत ASI चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, हवाला कारोबारी अनिल और सुनील दम्मानी (hawala traders Anil and Sunil Dammani) को गिरफ्तार किया था। ED ने बुधवार को इन्हें कोर्ट में पेश कर 6 दिनों की रिमांड ली। इस पुरे मामले को लेकर ED ने पहली बार प्रेस रिलीज (press release)जारी कर इस ऑनलाइन सट्टे का पर्दाफाश किया है। ED के मुताबिक इस मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस की तरफ से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की गई थी। इसके बाद विशाखापट्टनम पुलिस (Visakhapatnam Police) ने भी मामले में एफआईआर दर्ज की है और दूसरे राज्यों ने भी इस पर एक्शन लिया है।








ऑनलाइन होती थी सट्टेबाजी

ED से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सट्टेबाजी के ऑनलाइन ऐप (online betting app) की जांच से पता चला है कि, ये ऑनलाइन बुक पोकर, कार्ड गेम, चांस गेम, क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल सट्टेबाजी जैसे लाइव गेम में अवैध सट्टेबाजी के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म(online platform) मुहैया कराता थे और तीन पत्ती, पोकर जैसे कई कार्ड गेम खेलने की फैसलिटी भी देती थी।

व्हाट्सएप के माध्यम होती थी सट्टेबाजी

सट्टे के हेड ऑफिस में साप्ताहिक शीट पैनल मालिकों के साथ साझा की जाती थी, जिसमें सभी दांव, कुल लाभ या हानि के आंकड़े शामिल होते थे। दांव का अंतिम परिणाम जो भी हो, 20 प्रतिशत हिस्सा पैनल संचालक का होता था और ये रकम या तो बैंकिंग चैनल के जरिए या फिर हवाला (hawala)के जरिए पैनल मालिकों तक पहुंचाई जाती थी।

चुनाव को लेकर भी खेला जाता था सट्टा

यहां बैंक खाते और वॉट्सऐप नंबर बार-बार बदले जाते थे। अगर कहीं एफआईआर दर्ज भी होती है तो आमतौर पर केवल छोटे स्तर के सट्टेबाजों या पैनल ऑपरेटरों को ही गिरफ्तार किया जाता है। विदेश में बैठे मुख्य आरोपी अब भी ED की गिरफ्त से बाहर हैं। इसी तरह ड्रैगन टाइगर, कार्ड का उपयोग करके वर्चुअल क्रिकेट गेम (virtual cricket game)खिलाया जाता था, यहां तक कि इस ऐप में देश में होने वाले चुनावों पर भी दांव लगाया जाता था। भिलाई के रहने वाले सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल इस ऑनलाइन बुक के मेन प्रमोटर्स हैं और दुबई से इसका संचालन करते हैं।

अलग-अलग नंबरों का होता था उपयोग

ये ऑनलाइन बुक इस तरह के कई वेबसाइटों को मेंटेन करती है और चैट ऐप्स पर कई क्लोज ग्रुप चलाती है। वे वेबसाइटों पर संपर्क नंबर से विज्ञापन करते हैं और लोगों को मुनाफा कमाने के लिए खेलने का लालच देते हैं। ऐसे नंबरों पर केवल व्हाट्सएप पर ही संपर्क किया जा सकता है। एक बार जब कोई इस नंबर पर संपर्क करेगा, तो उसे दो अलग-अलग संपर्क नंबर उपलब्ध कराए जाएंगे। एक नंबर दांव लगाने और दूसरा नंबर पैसे जमा करने के लिए होता है।

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