बड़ी जालसाजी, बड़ा खेल, बिहार के फर्जी, एसबीआई, बैंक ऑफ इंडिया में फर्जीवाड़ा करने की कोशिश

आमानाका थाना क्षेत्र में टाटीबंध ब्रांच स्थित केनरा बैंक में चेक की क्लोनिंग कर 3 करोड़ 60 लाख उड़ाने वाले दो जालसाजों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों में एक बैंक मैनेजर भी शामिल है। घटना में शामिल मास्टर माइंड सहित तीन अन्य आरोपी फरार हैं। फर्जीवाड़े को अंजाम देने के आरोप में पुलिस ने नागपुर निवासी हरिशचंद्र विष्णुपंत काले तथा केनरा बैंक के मैनेजर आलोक कुमार वर्मा को गिरफ्तार किया है।
एसएसपी अजय यादव ने बताया कि बैंक के सहायक महाप्रबंधक के. भानुमूर्ति ने आमानाका थाने में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। भानुमूर्ति ने पुलिस को बताया कि सुहास हरिशचंद्र काले नाम के व्यक्ति ने टाटीबंध स्थित केनरा बैंक में 8 मार्च को चालू खाता खुलवाया था। इस दौरान उसने अपना एड्रेस देवेंद्रनगर बताया था। साथ ही काले ने खुद को विष्णु-लक्ष्मी लैंड डेवलपर्स और रायपुर बिल्डर्स का डायरेक्टर भी बताया था। काले ने बैंक में बिहार के बैंकों के नाम से अपने तीन अकाउंट से पूर्व के कैंसिल चेक की क्लोनिंग कर पांच ट्रांजेक्शन से राशि आहरित की।
ऐसे हुआ पर्दाफाश
जमा किए गए चेक जब सत्यापन के लिए गए, तब बैंक को जानकारी मिली कि सभी चेक बिहार के सरकारी विभागों के फर्जी तरीके से तैयार किए गए हैं। इसकी जानकारी बिहार के संबंधित विभागों को हुई, तो उन्होंने रायपुर के केनरा बैंक प्रबंधन से संपर्क किया और इसकी शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद इस पूरे मामले में केनरा बैंक के एजीएम ने काले के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई। घटना के बाद से काले फरार चल रहा था। इस बीच पुलिस को पता चला कि काले भागकर नागपुर महाराष्ट्र में छिपा हुआ है। इसके बाद एसएसपी के निर्देश पर एक विशेष टीम बनाकर काले को नागपुर से गिरफ्तार किया गया। मामले को जल्द से जल्द सुलझाने वाले पुलिसकर्मियों को 30 हजार रुपए इनाम देने की घोषणा की गई है।
बैंक मैनेजर को हर ट्रांजेक्शन में दो लाख कमीशन
पुलिस के मुताबिक ठगी की घटना को अंजाम देने के लिए ठग अपने साथ बैंक प्रबंधन से जुड़े लोगों को भी प्रलोभन देकर अपने साथ शामिल करते थे। बैंक मैनेजर को ट्रांजेक्शन के एवज में अब तक 10 लाख रुपए दिए जाने की बात जांच में सामने आई है। पुलिस ने जब बैंक मैनेजर से पैसे रिकवर करने की कोशिश की तो उसने कर्ज चुकाने के साथ अन्य मद में राशि खर्च करने की जानकारी पुलिस को दी है। पुलिस मैनेजर द्वारा दी गई जानकारी की पुष्टि कर रही है।
रेकी के बाद फर्जीवाड़ा
पुलिस के मुताबिक घटना में शामिल रमेश ठाकरे तथा ठगी के मास्टर माइंड एजाज कलीम और शमीम फर्जीवाड़ा करने के पहले बैंकों की रेकी करते थे। उसके बाद घटना को अंजाम देते थे। एजाज बैंकों के माध्यम से गाड़ी फायनेंस कराता है, इस वजह से उसे बैंकों के बारे में काफी जानकारी है। साथ ही एजाज बैंक अफसर को प्रलोभन देकर साजिश में शामिल करने का काम करता है। पुलिस को जानकारी मिली है कि ठगों ने झारखंड के बैंक में भी इसी तरह से 70 लाख रुपए का फर्जीवाड़ा किया है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश के पांच शहर छिंदवाड़ा, कटनी, बालाघाट, इंदौर, भोपाल के साथ बिहार पटना में ठगी की वारदात को अंजाम दिया है।
बीओआई, एसबीआई में भी कोशिश
एसएसपी के मुताबिक इन ठगों ने केनरा बैंक में ठगी के बाद रायपुर में स्टेट बैंक तथा बैंक ऑफ इंडिया में ठगी करने की साजिश की थी। इस संबंध में एजाज और रमेश दोनों ने बैंकों की रेकी की थी। बैंक के अधिकारियों को फंसाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें वहां किसी तरह से कोई सफलता नहीं मिली। इस वजह से ठगी की घटना को अंजाम नहीं दे पाए।
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