जशपुर : कोरवा जनजाति की दो बच्चियां खेत में बेहोश मिली, प्रशासन में हड़कंप

जशपुर : कोरवा जनजाति की दो बच्चियां खेत में बेहोश मिली, प्रशासन में हड़कंप
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छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में आज कोरवा जनजाति के दो बच्चियों की बेहोशी की हालत में खेतों में पाए जाने की खबर ने प्रदेश में खलबली मचा दी है। वैसे तो बगीचा जिला मुख्यालय जशपुर से दूर और बीहड़ होने के कारण आवागमन के लिहाज से बहुत सुगम और आसान नहीं है, लेकिन यह खबर जैसे ही आज बगीचा और अन्य गांवों के मोबाइल यूजर्स तक पहुंची, उसे सोशल मीडिया के जरिए राजधानी तक पहुंचने में देर नहीं लगी। इसे लेकर कहीं भूख की बातें हुईं, तो कहीं सरकारी राशन दुकानों में राशन की कमी की, कहीं जहरीली खाने के कारण बच्चियों की तबीयत बिगड़ने की बात हुई, तो कहीं कुछ और। आखिर जशपुर जिले के बगीचा में हुआ क्या, पढ़िए पूरी खबर-

जशपुर। राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा परिवार के दो नाबालिग बच्चियों को भूख ने इस कदर सताया कि परंपरागत शराब बनाने के बाद बचे हुए सड़े चावल (मेरा) को खाकर उन्होंने भूख मिटाने की कोशिश की। इसे खाने के बाद उनकी हालत बिगड़ गई और वे सरसों के खेत में बेहोशी की हालत में मिलीं। जब पुलिस प्रशासन को इसकी सूचना मिली तो बगीचा पुलिस ने अपनी टीम के साथ उन्हें बेहोशी की हालत में बगीचा अस्पताल में ईलाज के लिए भर्ती कराया, जहां से होश आने के बाद उन्हें घर भेज दिया गया।

जानकारी मिली है कि जशपुर जिले के बगीचा नगर पंचायत क्षेत्र की नदी से लगे गेहूं और सरसों के खेत में बेहोशी की हालत में विशेष संरक्षित पहाड़ी कोरवा जनजाति की दो नाबालिग बच्चियां बेहोशी की हालत में पड़ी मिली। बगीचा पुलिस ने रेस्क्यू करते हुए दोनों बच्चियों को बगीचा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया।

जैसे ही इस घटना की जानकारी जिले के कलेक्टर एमडी कावरे को हुई, उन्होंने तुरंत बगीचा एसडीएम ज्योति बबली कुजूर को घटनास्थल के लिए रवाना किया और बच्चियों को बेहतर उपचार की व्यवस्था उपलब्ध कराने के साथ की घटना की वस्तुस्थिति से अवगत कराने कहा।

जानकारी मिली है कि दोनों बच्चियों ने सड़े हुए चावल का सेवन कर लिया था। इससे वे बेहोश हो गईं थीं। जानकारी के मुताबिक बच्चियों ने दो दिनों से खाना नहीं खाया था। चावल से शराब बनाने के बाद बचे हुए चावल (मेरा) को उन्होंने खा लिया था। खाने के बाद वे घर के पास ही खेत की तरफ चली गईं, जहां इस समय सरसों और गेहूं की फसलें लगी हैं। वहीं वे बेहोश हो गईं। इस संबंध में कलेक्टर महादेव कावरे ने कहा है कि बच्चियों का स्वास्थ्य अभी ठीक है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्वस्थ्य होने के बाद उन्हें छुट्टी दी गई। वे अस्पताल से लौटकर अब अपने घरों में हैं। कलेक्टर श्री कावरे ने कहा कि राशन की कमी न हो, इसलिए जिले के सभी राशन दुकानों में 2-2 क्विंटल अतिरिक्त राशन भंडारण करके रखने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। एसडीएम और तहसीलदारों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे राशन दुकानों में पहुंचकर आम हितग्राहियों से बातचीत करते हुए राशन की उपलब्धता और वितरण की जानकारी रखें और समस्या होने पर उसका त्वरित समाधान करें। बहरहाल, जशपुर जिले में हुई इस घटना के बाद अब स्थिति सामान्य हो गई है, लेकिन कोरवा जनजाति की दो बच्चियों की भूख के कारण बेहोशी की चर्चा ने राजधानी में भी शासन और प्रशासन के होश फाख्ता कर दिए थे। देखिए वीडियो-


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