बड़ी ख़बर: कोरोना काल में सेवा देने वाले, 5 हजार अस्थाई स्वास्थ्य कर्मियों को, स्थायी नियुक्ति में 10 बोनस अंक

रायपुर: अस्थाई स्वास्थ्य कर्मियों को विभाग में तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों की में भर्ती के दौरान 10 बोनस अंक का लाभ देने का निर्णय लिया गया है। शर्त यह है कि लगातार छह महीने सेवा दी हो। इसका फायदा करीब 5 हजार अस्थाई कर्मचारियों को होगा। प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला की अध्यक्षता में गठित समिति की अनुशंसा के बाद स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी कर दिए। मार्च 2020 से इस साल तक सरकार ने कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के जरिए 5 हजार से अधिक अस्थाई स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति की थी। इनमें नर्स, सैंपल कलेक्टर, कॉन्टैक्ट ट्रेसर, सैंपल टेस्टिंग ऑफिसर, लैब टेक्नीशियन, वैक्सीनेटर और डाटा एंट्री ऑपरेटर जैसे पदों पर नियुक्तियां शामिल थीं।
26 अक्टूबर को इस समिति ने अपनी सिफारिश सौंपी।
स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला की अध्यक्षता में बनी समिति में अस्थाई स्वास्थ्य कर्मियों के प्रतिनिधि भी शामिल किए गए थे। इसमें साफ शब्दों में कहा गया था कि निकाले गए स्थायी कर्मियों को सेवा वृद्धि देना संभव नहीं है। समिति की सिफारिश थी कि आपदा के समय जान जोखिम में डालकर दी गई उनकी सेवा को ध्यान में रखते हुए आने वाली भर्तियों में लाभ दिया जा सकता है।
कोरोना के मरीजों की संख्या कम होने के बाद इनमें से अधिकतर की सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं। अस्थाई कर्मियों को सेवा से निकाले जाने का कई स्तर पर विरोध हुआ। क्रांतिकारी कोरोना योद्धा संघ की अगुवाई में राजधानी में भी कई दिनों तक प्रदर्शन हुए। इन लोगों ने स्वास्थ्य मंत्री से भी मुलाकात की। इस दौरान इनकी मांगों पर विचार के लिए एक समिति बनाने पर सहमति बनी थी। ये लोग सेवा वृद्धि की मांग कर रहे थे।
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